सनातन धर्म इतना विशाल है की यहां हजारों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता के लिए अलग-अलग पूजा का दिन भी निर्धारित किया गया है. ऐसा ही एक दिन महाबली हनुमान के लिए भी निर्धारित किया गया है. ज्योतिष शास्त्रों में मंगल ग्रह को पराक्रम का कारक माना गया है. हनुमान के पराक्रमी होने और मंगल ग्रह के पराक्रम कारक होने की वजह से मंगलवार के लिए हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से कृपा जल्दी मिलती है. इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से सभी कष्टों से निवारण मिल जाता है. मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं. हालांकि हनुमान की पूजा करते समय अधिकतर भक्त गलतियां कर बैठते हैं. ऐसे में हनुमान जी से मिलने वाली कृपा अधूरी रह जाती है. यहां हम कुछ ऐसी गलतियों की बात करेंगे जिन्हें अधिकतर भक्त कर देते हैं.
ज्यादातरै हनुमान भक्त उनके भोग के लिए मिठाई आदि खरीद लेते हैं. उस मिठाई को प्रसाद स्वरूप ग्रहण भी कर लेते हैं. जबकि दूध से बनी किसी भी प्रकार की मिठाई मंगलवार को नहीं खानी चाहिए. इसके साथ ही हनुमान जी को दूध की मिठाई का भोग भी नहीं लगाना चाहिए. ना ही ऐसी मिठाई का दान करना चाहिए. हनुमान जी बेसन या बूंदी के लड्डू बहुत पसंद करते हैं. आप उन्हें इसका भोग करा सकते हैं.
इस दिन बाजार से घर के लिए कोई भी लोहे का सामान नहीं खरीद कर लाना चाहिए. उदारहण चाकू, नेल कटर आदि वस्तुएं भी नहीं खरीदनी चाहिए.
हनुमान की शादी अभी तक नहीं हुई है. इसलिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को श्रृंगार का सामान नहीं खरीदना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार श्रृंगार का सामान सोमवार और शुक्रवार के दिन नहीं खरीदना चाहिए.
अगर आप हनुमान जी की सच्चे भक्त हैं और उनपर विश्वास करते हैं तो आपको मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. हनुमान भक्तों को कभी भी इस तरह की चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. मांस मदिरा का सेवन करने वाले शख्स से मुसीबतें कभी पीछा नहीं छोड़ती हैं.
मंगलवार के दिन बाल, नाखून या दाढ़ी आदि को नहीं काटना चाहिए.
इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. आप काले कपड़ों की जगह लाल या केसरिया या पीले रंग के कपड़े पहन सकते हैं. लाल कपड़े पहनने से मंगल का दोष खत्म हो जाता है.
सनातन धर्म के वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार को केसर, गेहूं, मसूर की दाल, लाल फूल, लाल पत्थर आदि दान करना चाहिए. भक्तों के ऐसा दान करने से शारीरिक और मानसिक दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. शस्त्र अभ्यास, शौर्य के कार्य और शारीरिक मजबूती के अभ्यास के लिए आरंभ करना अच्छा माना जाता है. इसके साथ ही बुआ या बहनों को लाल वस्त्रों के दान के बारे में भी बताया गया है. इन सभी कार्यों को करने से आपकी पूजा सफल होती है.
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