Positive Story : इस पुलिसकर्मी ने जीत लिया दिल, भीग मांगने वाले बच्चों के लिए खोला स्कूल, पढ़िए पूरी कहानी
![Positive Story : इस पुलिसकर्मी ने जीत लिया दिल, भीग मांगने वाले बच्चों के लिए खोला स्कूल, पढ़िए पूरी कहानी 1 Positive Story : इस पुलिसकर्मी ने जीत लिया दिल, भीग मांगने वाले बच्चों के लिए खोला स्कूल, पढ़िए पूरी कहानी](https://independentnews.in/wp-content/uploads/2020/05/7c299571-c9b5-463d-b239-edb045b444bd.jpg)
Positive Story : अक्सर खाकी का अमानवीय चेहरा, खाकी की आलोचना और न जाने कैसे-कैसे मामले हमें सोशल मीडिया पर वायरल होते दिखते हैं। लेकिन कहते है ना, हाथ की पांचों उंगलिया एक समान नहीं होती। खाकी का एक दूसरा चेहरा भी है जो मानवता से भऱा हुआ है। जो अकसर देखने को मिल जाता है।
![police beating image police beating image](https://independentnews.in/wp-content/uploads/2020/05/52946781_303.jpg)
दरअसल, राजस्थान के रहने वाले धर्मवीर जखर ने एक नेक पहल की है। ये नेक पहल गरीबी को दूर कर शिक्षा को बढ़ावा देने की है। धर्मवीर देश के प्रति अपना धर्म तो निभा रहे हैं साथ ही गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान कर अपना कर्म भी निभा रहे हैं। धर्मवीर जखर चूरू के रहने वाले हैं। जिन्होंने भीख मांगने वाले गरीब बच्चो को शिक्षित करने की नेक पहल की। धर्मवीर ने बच्चों को शिक्षा (Positive Story) की सुविधा देने के लिए एक स्कूल ही खोल दिया।
Positive story : आखिर क्यों खोलना पड़ा स्कूल
धर्मवीर अक्सर बच्चों को अपने थाने के बाहर भीख मांगते देखते थे। बच्चों के हाथ में कटोरा देख धर्मवीर को अच्छा नहीं लगता था। धर्मवीर ने एक दिन बच्चों से बात की तो उन्हें पता चला कि बच्चे अनाथ हैं। ये बात जानने के बाद धर्मवीर (Positive Story) से रुका नहीं गया।
![Positive Story Positive Story](https://independentnews.in/wp-content/uploads/2020/05/7c299571-c9b5-463d-b239-edb045b444bd-1024x678.jpg)
धर्मवीर उस जगह गए जहां बच्चे रहते थे। बच्चे छोटी-छोटी झुग्गियों में रहते थे। ये सब देख धर्मवीर ने बच्चों को पढ़ाने की सोची जिससे वो पढ़-लिखकर ऐसी जिंदगी से छुटकारा पा सकें। धर्मवीर चाहते थे कि कोई भी बच्चा भीख न मांगे बल्कि पढ़ लिखकर खुद अपना पालन पोषण करे। इसीलिए उन्होंने स्कूल खोलने का फैसला किया।
धर्मवीर ने अपने स्कूल का नाम ‘अपनी पाठशाला’ रखा है। उन्होंने ये स्कूल 2016 में खोला था। अब ‘अपनी पाठशाला’ में करीब 450 बच्चे पढ़ते हैं। ‘अपनी पाठशाला’ स्कूल में हर तरह के बच्चों के लिए सुविधाएं हैं। कपड़े, खान-पीने का सामान, किताबें यहां तक बच्चों को लाने ले जाने के लिए वैन की सुविधा सब फ्री है।
सबसे खास बात तो ये है कि ये सब धर्मवीर अपनी कमाई से करते हैं। धर्मवीर को कहीं से कोई मदद नहीं मिलती है।