Lata mangeshkar : 13 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद संभाली परिवार की जिम्मेदारी, जानिए लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े कुछ अनसुनी बातें

Lata mangeshkar : 13 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद संभाली परिवार की जिम्मेदारी, जानिए लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े कुछ अनसुनी बातें

Lata mangeshkar : भारत रत्न व स्वर कोकिला लता मंगेशकर 92 वर्ष की आयु में 06 फरवरी को इस दुनिया से विदा हो गईं। वे भारत की एक जानी मानी गायिका थीं, जिनके लगभग सभी गीत सुपरहिट हुए। बता दें कि 8 जनवरी को लता मंगेशकर कोरोना संक्रमित पाई गई थीं. जिसके बाद उन्हें दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती होना पड़ा था। इसी अस्पताल में उन्होंने रविवार सुबह अंतिम सांस ली।

उनके इस तरह चले जाने के बाद फिल्म जगत के साथ-साथ संपूर्ण भारत में गम का मातम छाया हुआ है। उनके अंतिम दर्शन के लिए अभिनेता शाहरुख (SRK pays last respects to Lata Mangeshkar in Mumbai) भी पहुंचे। लता मंगेशकर के दुनिया भर में करोड़ों प्रशंसक हैं जो लता को मां सरस्वती का अवतार मानते हैं। उनके गीत आवाज दो हमको, हम खो गए, कब नींद से जागे कब सो गए, ऐ मेरे वतन के लोगो, दीदी तेरा देवर दिवाना, सत्यम शिवम सुंदरम, हम रहें न रहें….आदि हमेशा लोगों की जुबान पर रहेंगे।

कहां पैदा हुईं (Lata mangeshkar) लता मंगेशकर

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ. वे पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती की बड़ी बेटी थीं। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि उनकी मां गुजराती थीं।

Lata mangeshkar : 13 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद संभाली परिवार की जिम्मेदारी, जानिए लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े कुछ अनसुनी बातें 1

लता मंगेशकर ने कभी स्कूली शिक्षा नहीं ली, बचपन से ही लता को घर पर गीत-संगीत का माहौल मिला। जब वो पांच वर्ष की थी तबसे ही उनके पिता उन्हें संगीत का पाठ पढ़ाने लगे थे। लता उनके  पिता के नाटकों में अभिनय भी करने लगी थी।

13 वर्ष की आयु में सिर से उठा पिता का साया

जब लता 13 वर्ष की हुई तब उनके पिताजी का देहांत हो गया और सारी जिम्मेदारी लता के कंधों पर आ गई। अपने छोटे भाई-बहनों को पालने की जिम्मेवारी लता पर आ गई थी। नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक मास्टर विनायक व मंगेशकर परिवार के नजदीकी लोगों ने लता का करियर गायिका और अभिनेत्री के रूप में संवारने के लिए मदद की। लता को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन पैसों की तंगी के कारण उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया।

1943 में गाया पहला गाना

लता मंगेशकर ने 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी। 1943 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में लता ने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ गाया।  1945 में लता मंगेशकर मुंबई शिफ्ट हो गई थी।

इन फिल्मों में लता ने गाए हैं गीत

लता मंगेशकर ने अपने जीवन में बहुत सारी फिल्मों के लिए गीत गाए हैं। इन फिल्मों में दीदार, बैजू बावरा, उड़न खटोला, मदर इंडिया, बरसात, आह, श्री 420, चोरी चोरी, सज़ा, हाउस नं 44, देवदास, मधुमति, आज़ाद, आशा, अमरदीप, बागी, रेलवे प्लेटफॉर्म, देख कबीरा रोया, चाचा जिंदाबाद, मुगल-ए-आजम, दिल अपना और प्रीत पराई, बीस साल बाद, अनपढ़, मेरा साया, वो कौन थी, आए दिन बहार के, मिलन, अनिता, शागिर्द, मेरे हमदम मेरे दोस्त, दो रास्ते, जीने की राह जैसी सैकड़ों फिल्मों में लता ने मधुर नगमे गाए हैं।

जब उनकी 1970 के दशक में संगीत जगत में गीत की गिरावट आई तब भी लता के गाने आते रहे। इस दौर में भी डर, लम्हें, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, मोहब्बतें, दिल से, पुकार, ज़ुबैदा, रंग दे बसंती, 1942 ए लव स्टोरी जैसी फिल्मों में लता को सुनने को मिला।

हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों में गाए गीत

लता मंगेशकर भारत की सबसे प्रतिष्ठित व सफल पार्श्वगायिका हैं, जिन्होंने कई फिल्मी और गैरफिल्मी यादगार गीत गाए हैं। लता ने हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों में गीत गाए । मुख्यत: उन्होंने हिंदी, मराठी और बंगाली में गाने गाए हैं। वे 36 से ज्यादा भाषाओं में गीत गा चुकी हैं।

लता मंगेशकर की आवाज में जादू है जब वो गाती है तो सुनने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।  ‘ए मेरे वतन के लोगों’ को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी आंख भर आई थीं।

लता को ये अवार्ड

1969 में लता मंगेशकर को पद्म भूषण, 1989 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 1999 में पद्म विभूषण, 2001 में भारत रत्न से सम्मानित है। इसके अलावा वे कई फ़िल्म फेयर और नेशनल अवार्ड  भी जीत चुकी हैं।

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