Anand Singh Bisht : Yogi Adityanath के Father आनंद बिष्ट का निधन, अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे योगी

Anand Singh Bisht : Yogi Adityanath के Father आनंद बिष्ट का निधन, अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे योगी

Anand Singh Bisht : कोरोना वायरस से देश लड़ रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश में भी लगातार मामले बढ़ते जा रहे है। जिससे निपटने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हर एक संभव उपाय कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच आज सीएम योगी के लिए एक बुरी खबर आई कि उनके पिता (Anand Singh Bisht) अब इस दुनिया में नहीं रहे।

20 अप्रैल की सुबह सीएम योगी के पिता आनंद बिष्ट का देहांत हो गया। आनंद बिष्ट 89 साल के थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने आज सुबह करीब  10 बजे अंतिम सांस ली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके पिता के देहांत की सूचना दे दी गई। जिस समय सीएम योगी के सूचना मिली उस समय सीएम योगी कोरोना से निपटने के लिए बनाई गई टीम-11 के साख मीटिंग कर रहे थे।

Anand Singh Bisht : Yogi Adityanath के Father आनंद बिष्ट का निधन, अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे योगी 1

हालांकि पिता के देहांत की खबर के बावजूद सीएम योगी ने मीटिंग जारी रखी। अब खबर हैं कि सीएम योगी पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे।

कई दिन से एम्स में भर्ती थे CM Yogi के पिता Anand Singh Bisht

आनंद बिष्ट लंबे समय से किडनी और लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे। कई दिन से वो एम्स में वेंटिलेटर पर थे। आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht death) की अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें 1 मार्च को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था।

योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट उत्तराखंड के यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते हैं। जो कि उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हुए थे। उसके बाद से ही वो अपने गांव में रह रहे थे।

हालांकि सीएम योगी और उनके पिता के बीच ज्यादा मुलाकात नहीं होती थी। क्योंकि सीएम योगी काफी समय पहले ही घर छोड़कर मठ में चले गए थे। बचपन में ही योगी आदित्यनाथ ने अपना परिवार छोड़ दिया था। और गोरखपुर में महंत अवेद्यनाथ के पास आ गए थे।

बाद में सीएम योगी ने महंत के तौर पर अवेद्यनाथ की जगह ली। सीएम योगी की मुलाकात उत्तराखंड में चुनाव के दौरान ही अपने परिवार से हो पाती थी। क्योंकि योगी चुनाव प्रचार के लिए उत्तराखंड जाते थे। तभी अपने परिवार से मिलते थे।

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