संसद में बैठने वाले हर दूसरे सांसद पर आपराधिक मामले दर्ज हैं: ADR
लोकसभा चुनाव 2019 खत्म होने के साथ ही जनता ने अपना फैसला सुना दिया है. इस बार जनता ने जिन 542 सांसदों को मतदान देकर संसद की कुर्सी में बैठाया है, उनमें से काफी सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस बार देश की संसद में करीब आधे सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि से होंगे. चुनाव प्रक्रिया की शोध से जुड़ी संस्था एडीआर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस ने ये खुलासा किया है. एडीआर के मुताबिक 2014 लोकसभा सांसदों की अपेक्षा 2019 में लोकसभा सांसदों में दागी सांसदों की संख्या में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एडीआर ने अपने इस शोध में 539 सांसदों पर अध्ययन किया. इस अध्ययन में पाया की 233 सांसद दागी हैं. इसका मतलब ये हुआ कि देश के 539 सांसदों की कुल संख्या में 43 प्रतिशत सांसद दागी हैं. बीजेपी में सबसे ज्यादा दागी सांसद हैं, वहीं दागी सांसदों की सूची में दूसरे स्थान पर कांग्रेस पार्टी है. इसके बाद अन्य पार्टियों के सांसद भी दागदार हैं.
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एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी में कुल 116 सांसद दागी हैं जबकि कांग्रेंस पार्टी के 29 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जदयू के 13, डीएमके के 10 और टीएमसी के 9 सांसदों पर आपराध पृष्ठभूमि के हैं.
वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में 185 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. जबकि 112 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. वहीं 2009 में 543 सांसदों में से 162 सांसदों पर किसी ना किसी तरह से अपराध में संलिप्त थे, जबकि 14 फीसद सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले ही दर्ज थे.
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 2009 की अपेक्षा 2019 में गंभीर अपराध के सांसदों में कुल 109 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. भाजपा, कांग्रेस, सपा-बसपा समेत अन्य पार्टियों के कुल 11 सांसदों पर मर्डर के केस दर्ज हैं. भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर तो मालेगांव ब्लास्ट में बम धमाके करने जैसे केस दर्ज हैं. केरल की इडूक्की लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के सांसद पर तो चोरी और नरसंहार जैसे 204 आपराधिक मामले दर्ज हैं.