source- google images
भविष्य में किसी भारी नुकसान से बचाव के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद को बीमा कहते हैं. बीमा कंपनी बीमा (insurance companies) कराने वाले शख्स के जीवन में होने वाले आर्थिक नुकसान का जिम्मा उठाती है. किसी शख्स को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियां ही करती है. बीमा कोई भी नागरिक करा सकता है. इसमें (Premium of insurance policies)किस्तों या फिर एकसाथ पैसा जमा कराया जाता है. जिसके बाद जब काफी सारा धन इकट्ठा हो जाता है. कभी-कभी बीमा कंपनियां सम-एश्योर्ड के तौर पर यह धन वापस भी कर देती हैं.
अगर बीमा इंश्योरेंस किसी कार, घर, दुकान या किसी वस्तु आदि का कराया जाता है तब भी इसके नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियां ही करती हैं. बता दें कि बीमा (insurance policies) सिर्फ किसी वस्तु या इंसानों का ही नहीं बल्कि जानवरों और खेती का भी होता है. जानवरों के मर जानें या फिर सामान के क्षतिग्रस्त होने पर बीमा कंपनियां पॉलिसी के मुताबिक उसके मालिक को मुआवजा देती हैं.
बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच बीमा एक तरह का अनुबंध होता है. कुछ बीमा कंपनियां सरकार से संबंध रखती हैं तो कुछ IRDA (Insurance Regulatory and Development Authority) से अनुमति लेकर कार्य करती हैं. इस अनुमति के मुताबिक बीमा कंपनियां बीमित व्यक्ति से निश्चित धनराशि यानी प्रीमियम लेती है उसके बदले बीमित व्यक्ति के नुकसान होने पर उसकी भरपाई करती है.
किसी भी बीमा कंपनी को IRDA से अनुबंध लेना आवश्यक होता है. ये वह नियामक संस्था है जो किसी भी कंपनी को बीमा करने की अनुमति प्रदान करती है.
जीवन बीमा किसी भी शख्स के ना रहने पर मिलने वाली आर्थिक मदद को कहते हैं. इसमें किसी शख्स के साथ दुर्घटना अथवा असमय मृत्यु हो जाने पर बीमा कंपनियां उस शख्स के इलाज का खर्च उठाती हैं या फिर उसकी मृत्यु हो जाने पर परिजनों को सहायता प्रदान करती हैं. परिवार के मुखिया की असमय मृत्यु हो जाने पर उसके बच्चों, माता-पिता पत्नी या नामिनी को आर्थिक संकट से बचाने के लिए बीमा की धनराशि दे दी जाती है.
घर अथवा मकान का बीमा साधारण बीमा कंपनियां करती हैं. ये बीमा कंपनी आपके घर पर होने वाले नुकसान की आर्थिक भरपाई करती हैं। इस तरह की पॉलिसी कवरेज लेने के बाद मकान में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियों की ही करना पड़ता है. ये बीमा कंपनियां बीमाधारक को होने वाले दो तरह के नुकसान की भरपाई करती है. इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम आपदाएं शामिल है। प्राकृतिक आपदाओं में भूकंप, आकाशीय बिजली, बाढ़ एवं आग से होने वाला नुकसान शामिल है। वही कृतिम आपदा में चोरी डकैती लड़ाई दंगा एवं आदि शामिल है।
भारत में सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों का बीमा होना बहुत जरूरी होता है. किसी भी वाहन का बीमा ना होने पर वाहन बीमा अधिनियम के तहत गैरकानूनी माना जाता है. अगर आपके वाहन का बीमा नहीं है तो आप सड़क पर अपना वाहन नहीं चला सकते हैं. अगर आप सड़क पर बिना बीमा के वाहन चलाते हुए पाए जाते हैं तो आप पर पुलिस जुर्माना लगा सकती है.
वाहन बीमा का सबसे ज्यादा फायदा तब होता है जब आपके वाहन से किसी को चोट लग जाए या फिर किसी शख्स की दुर्घटनावस मृत्यु हो जाती है. इसे बीमा कंपनियां थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के जरिए कवर करती है. इसलिए अगर आपके पास कोई भी वाहन है तो उसका इंश्योरेंस जरूर करवाना चाहिए.
दौड़ भरी हमारी जिंदगी और अनबैलेंस्ड लाइफस्टाइल होने की वजह से हमें अनेक तरह की बीमारियां हमारे पीछे पड़ जाती है. इन बीमारियों का खर्च वहन करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में Health Insurance हमारी स्वास्थ्य संबंधी आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में कारगर साबित होता है. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत बीमाधारक अपने परिजनों की बीमारियों पर खर्च होने वाले रुपए से निदान पा सकते है. किसी बीमारी पर खर्च होने वाले रुपए की सीमा आपके द्वारा दी गई पॉलिसी के आधार पर तय की जाती है.
यात्रा बीमा यात्रा के दौरान हुए नुकसान से आपको बचाता है. अगर आप किसी सफर पर जा रहे हैं और आप को चोट लग जाती है या आपका सामान गुम हो जाता है. ऐसी स्थिति में यात्रा बीमा आपके लिए बेहद मददगार साबित होता है. बीमा कंपनी आपको हुए किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देती है. यात्रा बीमा आपकी यात्रा शुरू होने के साथ शुरू हो जाता है वहीं, ये यात्रा खत्म होने के साथ ही समाप्त हो जाता है. अलग-अलग बीमा कंपनियों और अलग-अलग पॉलिसी के तहत आपका ट्रैवल इंश्योरेंस भी अलग अलग निर्धारित कर दिया जाता है . यह अलग-अलग बीमा कंपनियों और बीमा धारक के बीच हुए अनुबंध के आधार पर कवर दिया जाता है.
मौजूदा नियमों के मुताबिक किसानों द्वारा फसल बीमा करवाना जरूरी होता है. लेकिन बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को फसल बीमा का मुआवजा बेहद मुश्किल से मिलता है. इस वजह से किसानों के बीच इसका उत्साह बेहद कम देखा जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है की फसल बीमा योजना कंपनियां किसी किसान की खेती का मुआवजा तभी देती है जब उस किसान के खेत के आसपास के खेतों में भी काफी नुकसान हुआ हो. ऐसे में किसी किसान को मुआवजा मिलने में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. किसानों को यह मुआवजा उनकी फसल नष्ट होने, किसी प्राकृतिक आपदा आने एवं बिजली तैयार गिरने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता है.
लायबिलिटी इंश्योरेंस किसी कंपनी या कारखाने के लिए दिया जाता है. इंश्योरेंस के तहत किसी कंपनी में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की जाती है. बीमा कंपनियां कंपनी पर लगने वाले जुर्माने एवं कानूनी कार्यवाही का सारा खर्च उठाती है।
IAS Yasharth Shekhar : यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परिक्षाओं के तौर पर देखा जाता है. इस परीक्षा… Read More
Nora Fatehi : बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में नोरा फतेही काफी लोकप्रिय एक्ट्रेस हैं। अपनी दमदार एक्टिंग और डांसिंग स्किल्स की… Read More
बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है।एक्ट्रेस इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव नजर आ… Read More
ट्रेनों में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रेलवे जल्दी उनके लिए रियायत बहाल… Read More
Lucknow Metro News : लेखराज मेट्रो स्टेशन से रोजाना सैकड़ों की संख्या में यात्री आते जाते हैं।यह बंदरों का आतंक… Read More
Prayagraj News : यूपी के बरेली जिले के बारादरी में बिसलपुर चौराहा स्थित किंग्स हेरिटेज होटल में आयोजित शादी समारोह… Read More