पाकिस्तान की धरती पर अभिनंदन ने लगाए ‘भारत माता की जय’ के नारे
पाकिस्तान की हिरासत में कैद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा करने का आदेश दे दिया गया है. वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते अभिनंदन को रिहा करने का फैसला लिया. पाकिस्तान की संसद में इमरान खान ने इस बात की घोषणा की. देश के जाबांज विंग कमांडर पॉयलट जब पाकिस्तान की सीमा पर गिरे तो उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी. ? इस संबंध में बताया जा रहा है कि जब वो भिंबर ज़िले के होर्रान गांव के पास गिरे तो वहां के चश्मदीद ने ये पूरा वाक्या देखा. चश्मदीदों के अनुसार नियंत्रण रेखा से 7 किलोमीटर दूर होरन गांव के पास जब वो विमान को उड़ा रहे थे तब नीचे के खड़े चश्मदीदों ने देखा कि आसमान में लड़ाकू विमान में टकराव हो रहा है.
चश्मदीदों ने देखा कि 1 जहाज नियंत्रण रेखा के उस पार चला गया है जबकि दूसरे विमान में आग लग गई और वह तेजी से नीचे आने लगा. इस दौरान चश्मदीद ने ये भी बताया कि जो विमान नीचे गिरा था उसी विमान से एक पैराशूट की मदद से अभिनंदन को वहां के लोगों ने उतरते भी देखा. अभिनंदन ने पैराशूट से नीचे उतर कर वहां के लोगों से पूछा कि यह क्या भारत है या पाकिस्तान ? इस संबंध में वहां पर एक खड़े पास खड़े एक लड़के ने झूठ बोल दिया और बताया कि ये भारत है. अभिनंदन ने उस लड़के की बात मान ली और खुश होकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे. उन्होंने कई बार ‘भारत माता की जय’ के नारों का उद्घोष किया.
इसके जवाब में वहां के गांव वालों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए. पाकिस्तान की सीमा पर अभिनंदन के देश प्रेम से गांव के लोग नाराज हो गए. गांववालों ने अभिनंदन के साथ मारपीट शुरू कर दी. इतना ही नहीं, नाराज गांव के लड़कों से जब अभिनंदन ने कहा कि उनकी पीठ में चोट लगी है और उन्हें पीने के लिए पानी चाहिए. गांव के लड़को ने उन्हें पीने का पानी भी नहीं दिया और हाथों ने हाथों में पत्थर उठाकर मारने के लिए दौड़ पड़े. गांववालों की भीड़ को भांपकर अभिनंदन ने हवा में गोलियां चला दी. अभिनंदन आगे-आगे भाग रहे थे और गांव वाले अभिनंदन के पीछे-पीछे.
वो करीब आधा किलोमीटर तक दौड़े. इसके कुछ देर बाद वो गिर गए और वहां पर नौजवानों ने अभिनंदन के साथ मारपीट शुरू कर दी. उनको वहां के लोगों ने लात-घूसों से मारा. थोड़ी देर बाद पाकिस्तान की सेना आई और विंग कमांडर अभिनंदन को हिरासत में ले कर चली गई. चश्मदीदों का ये भी कहना है कि वहां पर गांववालों के इस हमले के बाद भी अभिनंदन का हौसला नहीं टूटा.