Kumbh 2019: कुंभ मेला में हर बार लगती है इन 13 अखाड़े वाले साधुओं की डुबकी,जानिए कौन-कौन से हैं वो अखाड़े
15 तारीख को मकर संक्रांति पड़ रही है. इसी दिन से विश्व के सबसे विशाल महाकुंभ मेले का आगाज होगा.यानि इस दिन ही कुंभ में पहला शाही स्नान होगा.कुंभ मेले का आयोजन हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक समेत उज्जैन जैसे प्रमुख शहरों में किया जाता है. 12 साल में विशेष ज्योतिषीय महत्व को समझकर हर साल कुंभ मेले में लाखों लोग डूबकी लगाते है.ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि जिस समय कृष्ण मोहनी का रूप रखकर देवताओं को अमृत पिला रहे थे उसी समय देवासुर ने भी अमृत पी लिया था.
इसी दौरान अमृत की कुछ बूंदें इन्हीं 4 स्थानों पर गिर गईं थी. आस्था के इस महाकुंभ में साधु कहीं खुले आसमान में तो ्कहीं भव्य पंडाल में धुनी लगाए अपनी साधना में लीन रहते हैं. लोगों की इतनी ज्यादा आस्था के चलते ही इस विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कहा जाता है. कुंभ की पवित्र डुबकी लगाने के लिए तीर्थयात्रियों के साथ साधु संतों की विशाल टोली भी आती है.
इस टोली में एक टोली शकराचार्य की सेना की भी होती है. ये अपने आराध्य के साथ यहां पहुंचती है.ये साधु-संत अपने 13 अखाड़ों लगाकर अपने इष्टदेवताओं के साथ डुबकी लगाते हैं. आइए जानते हैं साधु-संतों के 13 अखाड़ों के बारे में…
1. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी- दारागंज प्रयाग (उत्तर प्रदेश)
महानिर्वाणी अखाड़े में लगभग 6,000 साधु हैं। इनके इष्टदेव कपिल महामुनि हैं।
2. श्री पंच अटल अखाड़ा- चैक हनुमान, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
अटल अखाड़े में लगभग 700 साधुओं की संख्या है। इस अखाड़े के इष्टदेव आदि गणेश हैं।
3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी- दारागंज, प्रयाग (उत्तर प्रदेश)
निरंजनी अखाड़े में लगभग 10,000 साधू हैं। जिनके इष्टदेव कार्तिकेय भगवान हैं।
4. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती- त्रंब्यकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र)
आनंद अखाड़े के इष्टदेव सूर्य देवता है।
5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा- बाबा हनुमान घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
कुंभ मेले में जूना अखाड़े सबसे बड़ा अखाड़ा है, इसमें तकरीबन चार लाख साधुओं शामिल हैं। इस अखाड़े के इष्टदेव दत्तात्रेय हैं।
6. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा- दशाश्वमेघ घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
इस अखाड़े में करीब 12,000 साधू हैं। अखाड़े के इष्टदेव श्री गणेश भगवान हैं।
7. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा- गिरीनगर, भवनाथ, जूनागढ़ (गुजरात)
इस अखाड़े में करीब 3,000 हजार साधू हैं। ये इष्टदेव के रूप में माता गायत्री एवं अग्नि की पूजा करते हैं।
बैरागी वैष्णव संप्रदाय के 3 अखाड़े
8. श्री दिगंबर अनी अखाड़ा- शामलाजी खाकचौक मंदिर, सांभर कांथा (गुजरात)
इस अखाड़े के इष्टदेव बालानंद स्वामी हैं। श्री दिगंबर अखाड़े में महिला संत नहीं होती हैं। इस अखाड़े के साधु इष्टदेव बालानंद स्वामी को पूजते हैं।
9. श्री निर्वानी आनी अखाड़ा- हनुमान गादी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
इस अखाड़े के साधू उर्ध्वपुंड तिलक लगाते है। इस अखाड़े के इष्ट देवता हनुमान जी हैं।
10. श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा- धीर समीर मंदिर बंसीवट, वृंदावन, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
इस अखाड़े में लगभग 15 हजार साधु हैं। इस अखाड़े के इष्टदेवता हनुमान जी हैं।
11. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा- कृष्णनगर, कीटगंज, प्रयाग (उत्तर प्रदेश)
इस अखाड़े में करीब 20,000 साधु हैं। जो की इष्टदेव के रुप में पंचदेव (गोलासाहिब) को पूजते हैं।
12. श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन- कनखल, हरिद्वार (उत्तराखंड)
अखाड़े में करीब 5,000 साधु हैं और अखाड़े के साधु इष्टदेव के रुप में पंचदेव की पूजा करते हैं।
13. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा- कनखल, हरिद्वार (उत्तराखंड)
इस अखाड़े के साधू गुरूग्रंथ् साहिब की पूजा करते हैं। इस अखाड़े की स्थापना गुरू गोविंद जी के सहयोगी वीरसिंह जी ने की थी