General Election 2019 : सूबे से सत्ता के शिखर तक पहुंचे ये राजनेता, वो प्रधानमंंत्री जो कभी मुख्यमंत्री हुआ करते थे

General Election 2019 : सूबे से सत्ता के शिखर तक पहुंचे ये राजनेता, वो प्रधानमंंत्री जो कभी मुख्यमंत्री हुआ करते थे

General Election 2019 : भारतीय संविधान के आधार पर जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को वरीयता दी जाती है. संसद में निम्न सदन को वरीयता दी जाती है तो वहीं, किसी राज्य के अंदर विधानसभा के प्रतिनिधियों का महत्व विधानपरिषद् की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. विधानसभा जहां मुख्यमंत्री का चुनाव करती है तो लोकसभा सीटें देश के प्रधानमंत्री का निर्धारण करती हैं. किसी प्रदेश का मुखिया जहां मुख्यमंत्री होता है तो प्रधानमंत्री देश का मुखिया होता है. मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री के सफर तक तय करना इतना आसान नहीं होता है. तभी तो अभी तक 6 मुख्यमंत्री ही ऐसे रहे हैं जिनको प्रधानमंत्री बनने का मौका देश की आम जनता ने दिया. आइये जानते हैं उन मुख्यमंत्रियों के बारे में जो आगे चलकर प्रधानमंत्री बनें.

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मोरारजी देसाई

मोरारजी देसाई का जन्म  29 फरवरी 1896 में गुजरात के भदेही में हुआ. उनका राजनीतिक करियर 1946 में राज्य विधानसभा के चुनावों के बाद शुरू हुआ. इस दौरान वो बंम्बई के गृह एवं राजस्व मंत्री बन गए. इसके बाद सन् 1952 में उन्होंने मुख्यमंत्री का पदाभार संभाल लिया. मोरारजी देसाई ने कई बार प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ा, लेकिन विपक्षी दल के नेताओं के चलते वो कई बार प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने में असफल रहे. सन् 23 मार्च 197 में 81 साल की उम्र में उनको प्रधानमंत्री का पद मिला.

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इसी के साथ देसाई भारत के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बन गए. चौधरी चरण सिंह के साथ उनका मतभेद चला करता था, जिसके चलते उनकी सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई. भारतीय इतिहास में मोरारजी देसाई ऐसे शख्स हैं जिन्हें भारत और पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न और पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से दिया गया.

चौधरी चरण सिंह

ग्रामीण परिवेश और स्वतंत्र भारत के रंग में जिंदगी जीने वाले चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे. चरण सिंह पहली बार 1952-56 की अवधि तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे. इसके बाद फरवरी, 1970 में दूसरी बार वो कांग्रेस पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 1929 में कांग्रेल के लाहौर अधिवेशन के दौरान पूर्ण स्वाराज्य के दौरान चरण सिंह गांधी जी की दांडी मार्च यात्रा से बहुत प्रभावित हुए. इस दौरान इन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में काँग्रेस कमेटी का गठन भी किया.

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चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिंडन नदी पर नमक बनाकर अंग्रेजी हुकूमत का गांधी जी का समर्थन देकर विरोध किया. 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी की मदद से प्रधानमंत्री की कमान संभाली.

 

वी.पी.सिंह

वीपी सिंह भी चौधरी चरण सिंह की तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार में वो प्रधानमंत्री के पद पर रहे.

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पी.वी नरसिम्हा राव

दक्षिण भारत से अगर किसी राजनैतिक शख्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है वो नरसिम्हा राव ही थे. 1971-1973 तक वो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. 1991-1996 तक उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहकर काम किया.

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एच.डी. देवगौड़ा

देवगौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे जिन्हें जून 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार का मुखिया चुनकर प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई.

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नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी भी उन चुनिंदा प्रधानमंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री की कमान संभाली. मई 2014 तक वो गुजरात के मु्ख्यमंत्री थे. मई 2014 के बाद से अभी तक वो देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

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