परिवार को बंधक बनाकर बदमाशों ने की लूटपाट, बोले हमारा उसूल है औरतों के जेवर नहीं उतरवाते लेकिन शोर मचाया तो गोली मार देंगे
अजब गजब : ये घटना उत्तर प्रदेश के बरेली शहर की है। यहां के नवाबगंज के बरौर गांव में एक सीमेंट सरिया कारोबारी है जिसका नाम जलीस अहमद है। जलीस के घर में सोमवार की रात कुछ बदमाश घुस गए। उन बदमाशों ने कारोबारी के घर से एक कार समेत काफी कुछ लूटा और फिर भाग खड़े हुए। इसके बाद कहीं दूर एक ढाबे के पास कारोबारी की कार तो बरामद कर ली गई मगर लुटेरों और चुराए गए सामान का कुछ पता नहीं चल पाया।
जलीस ने बताया कि उसका सीमेंट सरिया का अलावा गुड़, आरा मशीन आदि की भी प्रॉपर्टी है। बहगुल नदी के पुल के पास गांव में उसका घर है। उसका मकान दोमंजिला है और नीचे सीमेंट का गोदाम है।
बदमाश देर रात 12 से 12:30 बजे के करीब नकाब पहनकर उसके घर में घुस गए। इसके बाद बदमाशों ने घर मे सो रहे सभी लोगों को जगाया और उन सभी को अलग अलग कमरों में बंदी बना दिया। इसमें जलीस, उनकी पत्नी मुन्नी, बेटे जावेद, जुबैद, छोटू और जावेद की पत्नी निशा व बहन हिना भी शामिल है। फिर करीब 2 घण्टे तक बदमाशों ने घर को आराम से लूटा। जाते जाते भी बदमाशों ने कोई कसर नहीं छोड़ी और कार को भी अपने साथ ले गए। इसके बाद परिजनों ने 112 पर फोन करके सारी घटना के बारे में बताया। इसके बाद आईजी रमित शर्मा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण व एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल जलीस के घर पहुंचे और वहां सारी जांच की।
बदमाशों ने 2 घण्टे तक घर में लूटपाट की मगर इस बीच उन्होंने घर के किसी भी सदस्य को कोई भी हानि नहीं पहुंचाई। मगर उन्होंने सदस्यों को ये कहकर डराया हुआ था कि अगर वो लोग उनकी बात नहीं मानेंगे तो वो सीधे उन्हें गोली मारेंगे। कारोबारी ने बताया कि जो बदमाश थे उनकी भाषा बाहरी लोगों के जैसे नहीं लग रही थी बल्कि स्थानीय ही थी और तो और बदमाशों की उम्र ज्यादा नहीं थी, बल्कि सभी 24-25 के आसपास के थे।
जाते जाते उन्होंने बाहर खड़ी कार की चाबी की मांग की। मगर परिवारजनों ने चाबी न देने के लिए बहाना बनाया। जिस पर बदमाश बहक भड़क कर बोले तो एक महिला ने चाबी थमा दी इसके बाद वो कार से जब जाने लगे तो उन्होंने इस बात की दिलासा दी कि वो गाड़ी रास्ते में कहीं छोड़कर जाएंगे। उन्हें जाने की जल्दी है इसीलिए वो उनकी कार को अपने साथ ले जा रहे हैं। बदमाश अपनी बात पर खरे उतरे और उन्होंने कार फरीदपुर के पास एक ढाबे पर छोड़ दी थी।