Cuttack deputy mayor : पिता के निधन के बाद मां ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया, झुग्गी में रहकर आदिवासी लड़की बनीं डिप्टी मेयर

Cuttack deputy mayor : पिता के निधन के बाद मां ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया, झुग्गी में रहकर आदिवासी लड़की बनीं डिप्टी मेयर

Cuttack deputy mayor : कहते हैं अगर मेहनत पूरी ईमानदारी से की जाए तो सफलता जरूर मिलती हैं. आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं वो महज 21 साल की है. मां मजदूरी करती हैं तो बेटी ने पूरी मेहनत के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. लेकिन जहां आज के दौर में पढ़ाई के बाद युवा नौकरी की तरफ भागने लगते हैं उसी जगह पर इस आदिवासी लड़की ने राजनीति में जाने का फैसला लिया.

कमाल की बात ये हैं कि इन्होंने अपने पहले ही चुनाव में जनता का दिल जीत लिया और डिप्टी मेयर बन गईं. इसी के साथ शहर में डिप्टी मेयर बनने वाली ये पहली आदिवासी लड़की हैं. इस आदिवासी लड़की का नाम दयमंती मांझी है. आइए जानते हैं उनके सफर के बारे में

कौन हैं डिप्टी मेयर दमयंती मांझी

ओडिशा के कटक की रहने वाली दयमंती मांझी गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वो बलिसाही झुग्गी बस्ती अपने तीन भाई-बहनों के साथ रहती हैं. परिवार में दयमंती सबसे बड़ी बेटी हैं. आर्थिक स्थिति सही ना होते हुए भी माता-पिता ने उनकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. वो जानते थे कि बेटी अगर पढ़ लिख लेगी तो कुछ ना कुछ जरूर हासिल कर लेगी. दयमंती भी पढ़ाई में काफी अच्छी थी. उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन करने का फैसला किया. वो रैवनशॉ विश्वविद्यालय से एम.कॉम से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं.

Cuttack deputy mayor : पिता के निधन के बाद मां ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया, झुग्गी में रहकर आदिवासी लड़की बनीं डिप्टी मेयर 1

दयमंती ने एक साक्षात्कार में बताया है कि जिस दौरान वो हाईस्कूल की परीक्षा दे रही थी तभी उनके पिता का निधन हो गया. पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी दयमंती और उनकी मां पर आ गई. उनकी मां ने बेटी को पढ़ाई करने का सुझाव दिया और खुद दिहाड़ी मजदूरी करने लगी. वहीं मां को मजदूरी करते हुए देखकर बेटी ने भी कोचिंग पढ़ाकर परिवार की जिम्मदारियों में अपना हाथ बटाने का फैसला किया.

कर्नाटक की सबसे कम उम्र की डिप्टी मेयर

दयमंती मांझी का पारिवारिक बैंकग्राउंड किसी भी तरह से राजनीति से संबंध नहीं रखता है. ना ही उन्होंने कभी भी सक्रीय तौर पर छात्र राजनीति में शामिल होने की इच्छा जाहिर की . एक साक्षात्कार में अपने राजनीतिक सफर के बारे में वो बताती हैं कि राजनीति में आना उनकी पहली च्वाइस कभी नहीं रहा है. दरअसल उनके वार्ड में पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवार के लिए आरक्षित था, इसलिए सत्ताधारी दल (बीजू जनता दल) ने मुझसे पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए संपर्क किया’. जिसके बाद वो राजनीति में आ गई.

Cuttack deputy mayor : पिता के निधन के बाद मां ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया, झुग्गी में रहकर आदिवासी लड़की बनीं डिप्टी मेयर 2

दयमंती को कटक से निर्विरोध डिप्टी मेयर के पद के लिए चुना गया है. इतनी कम उम्र में ऐसा पद पाने वाली वो अपने राज्य में पहली महिला बन गई हैं. आगे दमयंती बताती हैं कि अपने शहर की समस्याओं से वो बहुत अच्छी तरह से समझती हैं ‘डिप्टी मेयर के रूप में उनकी प्राथमिकता शहर की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान करना होगा. खराब जल निकासी, ट्रैफिक जाम, जलभराव की समस्या, अनियमित पानी की आपूर्ति और खराब स्ट्रीट लाइट कटक में नागरिकों के मुद्दे हैं. मेरा मुख्य ध्यान ऐसी समस्याओं को हर किसी की मदद और मार्गदर्शन से हल करने पर होगा.’

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