पत्नी को वेश्या बोलने पर हुई हत्या कत्ल नहीं, 302 के तहत नहीं होगा अपराध
देश की सर्वोच्च अदालत ने एक महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस फैसले में बताया है कि अगर किसी महिला ने अपने पति को वैश्या कहने पर मार दिया है तो उसे मर्डर या हत्या की श्रेणी में नहीं माना जाएगा. कोर्ट ने ये फैसला अपने एक जजमेंट के दौरान सुनाया. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को वैश्या कहने का अधिकार किसी को भी नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि महिला को वैश्या कहने के दौरान अगर महिला पुरुष की हत्या कर देती है, तो इसे हत्या ना मानकर गैर इरादतन हत्या का मामला माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला हत्या से जुड़े एक मामले को ध्यान में रखते हुए सुनाया. बता दें, ये मामला तमिलनाडू का था. इस विचाराधीन मामले में महिला का किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध थे. पति-पत्नी और वो एक इस खेल में पति-पत्नी के बीच अकसर लड़ाई ही हुआ करती थी. एक दिन महिला से लड़ाई के दौरान पुरुष ने उसे और उसकी बेटी को वैश्या कह दिया. इस दौरान पड़ोस में रह रहे महिला के प्रेमी और उसके पति के बीच कहा सुनी हो गई. इस कहा-सुनी के दौरान महिला के प्रेमी ने महिला के पति को तमाचा मारा और फिर मौत के घाट उतार दिया. पति को मौत के घाट उतारने के बाद महिला और उसके प्रमी ने मिलकर लाश को जला दिया और दोस्त की कार में फेंक दिया. पुलिस ने छानबीन कर 40 दिन बाद मृतक की लाश को बरामद किया.
मद्रास हाईकोर्ट ने महिला और उसके प्रमी को दोषी मानते हुए सजा सुना दी थी. लेकिन आरोपित महिला की अपील के बाद जस्टिस मोहन एम. शन्तानगौडर और दिनेश ने ये फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा कि हमारे समाज में कोई भी अपने आप को वैश्या जैसे अपशब्द नहीं सुन सकती है. ऐसे अपशब्द सुनकर महिला ने अपना आपा खो दिया और हत्या कर दी.