Akshaya Tritiya 2020 : अक्षय तृतीया पर धन और सुख समृद्धि के लिए ऐसे करें पूजा, घर में लक्ष्मी का होगा वास
Akshaya Tritiya 2020 : हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का काफी महत्व माना जाता है। इस दिन हिंदू महिलाएं सोना खरीदती हैं। स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करती है। अपने घर में धन, दौलत सुख समृद्धि के लिए महिलाएं व्रत भी रखती हैं।
इस बार अक्षय तृतीया रविवार को मनाई जा रही है। 26 अप्रैल दोपहर 11 बजकर 12 मिनट तक अक्षय तृतीया रहेगी। इस बार रोहणी नक्षण और शोभन योग में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) काफी फलदायी है।
इस दिन वृत कर भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में धन और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की, एक साथ पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
चलिए आपको बताते हैं कि अक्षय तृतीया का मुहुर्त कब तक है और कैसे आप पूजाकर मनवांछित फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
पूजा का शुभ मुहुर्त : 2020 में अक्षय तृतीया कब है ?
रविवार सुबह 6 बजकर 36 मिनट से दोपहर 10 बजकर 42 मिनट के बीच भगवान विष्णु की पूजा करना सबसे ज्यादा फलदायी है। इस समय पूजा करना सबसे शुभ होगा।
Akshaya Tritiya 2020 : कैसे करें पूजा
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नहाएं। उसके बाद पानी में चंदन डालकर भगवान विष्णु को स्नान कराएं। इसके बाद भगवान को इत्र का लेप लगाएं। इसके साथ ही मंत्र का जाप कर तुलसी को जल चढ़ा दें।
इस मंत्र का करें उच्चारण
पूजा करते वक्त इस मंत्र का जाप करें। “शुक्लाम्बर धरम देवम शशिवर्णम चतुर्भुजम, प्रसन्नवदनम ध्यायेत सर्व विघ्नोपशांतये।।”
भगवान को ऐसे खिलाएं भोग
इतना करने के बाद गुड़, चने के सत्तू और मिश्री का भोग लगाएं। अगर आपने विष्णु भगवान का गुरुवार को कभी वृत रखा हो तो आपको पता होगा कि विष्णु भगवान की पूजा में केला की पूजा और गुड़-चना चढ़ाया जाता है। क्योंकि इस समय लॉक डाउन है तो अगर आपके पास दूध, दही, शुद्ध घी, शहद और चीनी का पंचामृत से ही भगवान को स्नान कराएं। अगर नहीं हो तो कोई बात नहीं।
स्नान कराते वक्त करें इस मंत्र का जाप
पंचामृत से भगवान को स्नान कराते वक्त आप एक मंत्र का जाप जरुर करें। “पंचामृतम मयानीतम पयो दधि घृतम मधु शर्करा च समायुक्तम स्नानार्थम प्रति गृह्यताम।।” इस मंत्र के जाप के साथ अगर आप अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु का पूजन करेंगे तो निष्चित तौर पर आपके घर में सुख समृद्धी और धन की बरसात होगी।
अक्षय तृतीया व्रत कथा
इस दिन मान्यता है कि महाभारत-काल में जब पाण्डवों को 13 साल का वनवास मिला तो उस दौरान ऋषि दुर्वासा पाण्डवों की कुटिया में आए थे। ऋषि दुर्वासा का द्रौपदी ने खूब आदर सत्कार किया। जिससे खुश होकर ऋषि दुर्वासा ने उन्हें एक अक्षय-पात्र दिया।
उस दिन अक्षय तृतीया थी। उस पात्र को देते हुए ऋषि दुर्वासा ने कहा कि आज अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) है। आज के दिन पृथ्वी पर जो भगवान विष्णु (Akshaya Tritiya 2020) की विधिवत पूजा करेगा। चने का सत्तू, गुड़, ऋतुफल, वस्त्र, जलयुक्त घड़ा और दक्षिणा के साथ हरी विष्णु के नाम से दान करेगा, उसके घर का भण्डार हमेशा भरा रहेगा। उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी। और तभी से अक्षया तृतीया को घर में सुख समृद्धि धन दौलत के लिए पूजा की जाती है।
भगवान विष्णु के साथ होती है परशुराम की भी पूजा
अक्षया तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) के दिन भगवान विष्ण के साथ भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णुव के छठें अवतार भगवान परशुराम का भी जन्मे हुआ था। इसीलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णुे की पूजा के साथ परशुराम की भी पूजा की जाती है। इस दिन व्यापार से जुड़े लोगों को जरुर दान करना चाहिए। इससे धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है।
किन चीजों का करें दान और क्या खरीदें
- जल से भरे घड़े, कुल्हड़, पंखे, छाता, चावल, खरबूजा, ककड़ी, चीनी,सत्तू आदि का दान करना करना चाहिए
- सोना, चांदी, मिट्टी के बर्तन, रेशमी वस्त्र, साड़ी, चावल, हल्दी, फूल का पौधा और शंख आप अपने लिए खरीदें।