यूपी:15 हजार डग्गामार बसें अब अनुबन्धित होकर चलेंगी, जानिए नई नीति में क्या हुआ है बदलाव
उत्तर प्रदेश में साढ़े 3000 से ज्यादा निजी बसें डग्गमारी कर रही है जबकि विभाग कुल 15000 बसों को अनुबंध पर रखेगा। नई अनुबंध नीति में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में रोडवेज में 11200 बसों का संचालन हो रहा है इनमें 2200 अनुबंधित है। डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम इन अनुबंधित करने जा रहा है। निगम ने इसके लिए अपनी अनुबंध नीति में बदलाव किया है। इसके तहत रोडवेज की बसे गांव गांव तक पहुंचेगी।
रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में साढ़े 3 हजार से ज्यादा निजी बस अड्डा डग्गामारी कर रही है। जबकि विभाग कुल 15000 बसों को अनुबंध पर रखेगा।नई अनुबंध नीति में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है।वर्तमान में रोडवेज के बेड़े में 11200 बसों का संचालन हो रहा है इनमें 2200 अनुबंधित है। अनुबंधित बसों में स्कैनिया, एसी, स्लीपर, सभी शामिल होंगे।साथ ही यह ग्रामीण क्षेत्रों में 70 किलोमीटर के बजाय 150 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी।यानी एक ही बस कई जिलों को कवर कर सकेगी।
डग्गामार बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने के लिए नई नीति में कई छोड़ दिए जा रहा है।इसके तहत उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो पंजीयन तारीख से 5 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी है।इसके अलावा सीएनजी बस पंजीयन तारीख से 8 वर्ष की आयु पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेगी मॉडल व पंजीकरण तारीख में 1 वर्ष का अंतर भी मान्य होगा।नई बसों को अनुबंध के बाद 2 माह का समय दिया जाएगा।जबकि पुरानी तत्काल चलाई जा सकेगी अनुबंध अवधि 10 वर्ष की है।
डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने वाले परिचालकों को परिवहन निगम रोडवेज बसों में यूपीआई के जरिए टिकट बनाने वाले परिचालकों को प्रति टिकट ₹1 प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा।परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि 15 दिनों में बसों में डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने की सुविधा शुरू हो जाएगी।ज्यादा से ज्यादा टिकट यूपीआई के जरिए बने इसके लिए परिचालकों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है।हर क्षेत्र में सबसे ज्यादा यूपीआई से टिकट बुक करने वाले टॉप 3 कंडक्टर को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।