पीएम को क्यों दिया गया सियोल शांति पुरस्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुद्धवार को ‘सिओल पुरस्कार 2018’ से सम्मानित किया गया. नरेद्र मोदी इस अवार्ड को पाने वाले भारत के पहले शख्स होंगे.इसके साथ ही पूरे विश्व में नरेंद्र मोदी 14वें ऐसे शख्स होंगे जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये अवार्ड उनके सराहनीय कार्य के लिए दिया जा रहा है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वैश्विक आर्थिक प्रगति और भारत के लोगों के मानवीय विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए दिया जा रहा है.
चलिए आपको 5 डब्लू1एच के जरिए आपको बताते हैं कि आखिर इस पुरस्कार की शुरूआत कब कैसे क्यों और कहां की गई.
कब और कहां हुई शुरूआत
शियोल शांति पुरस्कार की शुरूआत कोरिया में आयोजित 24वें ग्रीष्मकाल के ओलंपिक खेलों के दौरान ही हुई. बता दें कि 1990 के दौरान सियोल में 24वें ग्रीष्मकालीन खेलों का आगाज हुआ था.1990 में इस पुरस्कार को पहली बार ज़ॉन एन्टोनियों को दिया गया था.इस पुरस्कार को जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल समेत साउथ कोरियन डिप्लोमेट बान की मून को भी दिया जा चुका है. प्रत्येक 2 सालों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार को इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दिया जाएगा
क्यों और कैसे की गई शुरुआत
इस पुरस्कार का विश्वभर में बहुत महत्व है.इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति व्यवस्था को बनाकर रखने वाले और विश्व की तरक्की के लिए अग्रसर शख्स को पुरस्कार से सम्मानित करना. जिससे की पूरे विश्व के पटल पर शांति व्यवस्था कायम रह सके और विश्व आगे बढ़ता रहे. जब पहली बार ये पुरस्कार दिया गया था तो कोरियन देशों के बीच में चल रही लड़ाई को 40 साल ही बीते थे.इसी दौरान कोल्ड वार भी चल रहा था जिसमें तमाम छोटे छोटे देश आपस में लड़ रहे थे.ये देश 1990 तक आपस में छुटपुट लड़ाईयों में उलझे रहे.कोरियाई लोग अपने आप शांति की चाह रखने वाला देश मानते थे जिसके चलते उन्होंने इस पुरस्कार की शुरुआत की.
कौन निर्धारित करता है और किसे मिलता पुरस्कार
इस पुरस्कार को देने के लिए कोरियाई देश और विदेश के 1300 लोगों की एक समिति आकड़े जमा करती है. ये समिति राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, एथलेटिक, अकादमिक और अन्य क्षेत्रों से जुड़े होते हैं.जिसके बाद ये समिति एक मतदान करती है. ये मतदान विजेता का निर्धारण करता है. नामांकन की ये प्रक्रिया नवंबर महिने से शुरु हो जाती है. ये शांति पुरस्कार जीतने वाले विजेता को 2,00000 डालर का ईनाम दिया जाता है.