नए साल की शुरूआत हो रही इस शुभ दिन से, अगर ये काम किया तो साल भर सफलता आपके कदम चूमेगी
नए साल-2019 का आगमन हो चुका है. सूरज की पहली किरण के दस्तक के साथ ही ऩया साल संयोगवस मंगलमय मंगलवार के दिन पड़ा है. ये तो हम सब जानते ही हैं कि मंगलवार के दिन किसी भी कार्य की शुरूआत की जाए वो शुभ होता है. लेकिन, ये नया साल आध्यात्मिक तौर पर खास इसलिए हो जाता है क्योंकि आज ही के दिन सफला एकादशी भी पड़ रही है.
सफला एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी के दिन अगर पूरे श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा जाए तो पूरे साल सफलता आपके शिखर चूमेगी. इस पूजा से साल भर आने वाले हर छोटे-बड़े कार्य पूरे हो जाएंगे. आज के दिन पूजा करने का बड़ा महत्व है. अगर आप भी इस एकादशी का व्रत रखने के लिए सोच रहे हैं, तो इसका धार्मिक महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि जान लीजिए…
शुभ मुहूर्त
इस नए वर्ष सफला एकादशी साल के पहले दिन यानि 1 जनवरी 2019 को सुबह से ही पड़ रही है. ये एकादशी सुबह 7 बजकर 14 मिनट से शुरू हो जाएगी और 2 जनवरी सुबह 9 बजे तक रहेगी.आपको बताते चलें कि पौष महीने की कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है.
यहां पर सफला का अर्थ सफलता से है.धार्मिक मान्यताओं में भगवान विष्णु की पूजा से पूरे साल किए जाने वाले कामों में अपार सफलता मिलती है
पूजन विधि
संयोग से अंग्रेजी नये साल का शुभारंभ सफला एकादशी के शुभ दिन से हो रहा है.इसके साथ ही इस दिन मंगलवार पड़ रहा है, जो इस दिन पर चार चांद लगा देता है.इसलिए ये दिन अत्यंत लाभकारी हो जाता है. आप दिन की शुरूआत के साथ ही सुबह सूर्य उदय होने से पूर्व गंगाजल से स्नान कर लें. अगर गंगा जल ना मिले तो नल का साफ पानी भी लाभकारी होगा.
स्नान के ्बाद घर के पूजा वाली जगह में गाय के शुद्ध घी का दीया जलाए साथ ही सीधे हाथ पर जल लेकर सफला एकादशी व्रत के लिए संकल्प करें. पूजा का संकल्प लेने के बाद धूप, दीप, फल और पंचामृत, नारियल, सुपारी, आंवला अनार और लौंग, आदि विष्णु भगवान को समर्पित करें. फिर पूरे दिन व्रत को संपन्न करें. व्रत संपन्न होने के दूसरे दिन आप किसी निर्धन परिवार और गरीब कन्याओं को भोजन कराएं इसके साथ ही कुछ दक्षिणा भी करें.अगर आप ऐसा करते हैं तो पूरे साल आपको किसी भी चीज की कमी नहीं पड़ेगी.
इन नियमों का पालन जरूर करें.
- सफला एकादशी के दिन सोने के लिए जमीन का प्रयोग करें.
- मांस, मदिरा, नशीला पदार्थ आदि का सेवन भूलकर भी ना करें
- पेड़ या फिर पौधों की फूल पत्तियों को ना तोड़े.
- इस वर्ष के प्रत्येक मंगलवार हनुमाान चालीसा का पाठ जरूर करते रहें.