Madhuri Dixit Sanjay Dutt Love Affair : जब संजय दत्त ने अपनी पत्नी और मासूम बेटी को माधुरी दीक्षित की वजह से छोड़ दिया था, एक दूसरे के प्यार में पड़ गए थे ये सितारे
Madhuri Dixit Sanjay Dutt Love Affair : ‘पति, पत्नी और वो’ टाइप्स कई कॉन्ट्रोवर्शियल स्टोरी आपने देखी और सुनी होंगी। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कोई नई बात नहीं, लेकिन अक्सर इसी वजह से रिश्तों की डोर भी टूट जाती है। बाद में पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचता। बॉलीवुड में भी कई ऐसी एक्स्ट्रा मैरिटल लव स्टोरीज है जिनका अंजाम अच्छा नहीं रहा। इन्हीं में से एक है संजय दत्त और माधुरी दीक्षित के बीच का प्रेम प्रसंग।
लव ट्रायंगल में फंसे संजय दत्त
संजय दत्त की पहली शादी लव ट्रायंगल जैसी कॉन्ट्रोवर्शियल रही है। इस कॉन्ट्रोवर्सी की शुरुआत ‘साजन’ फिल्म की शूटिंग के दौरान तब हुई, जब संजय और माधुरी एक दूसरे को दिल दे बैठे। धीरे-धीरे करके ये प्रेम प्रसंग आगे बढ़ रहा था। लोगों की नजरों से बचकर दोनों एक दूसरे में खोते जा रहे थे।
उस वक्त संजय दत्त शादीशुदा थे। उन्होंने 1987 में रिचा शर्मा से शादी की थी, जिनसे उन्हें एक बेटी भी है। संजय और माधुरी की शुरुआती लव स्टोरी के दौरान रिचा कैंसर से परेशान थीं और यूएस में अपना इलाज करवा रहीं थीं। जब रिचा को संजय की बेवफाई की खबर लगी तो उन्हें बहुत बुरा लगा और वो पूरी तरह से टूट गई।
आखिरकार नहीं लौट पाए संजय
संजय और माधुरी के बीच अफेयर को लेकर रिचा ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं चाहती हूं कि संजय वापस मेरे पास आ जाए। हम काफी वक्त से एक साथ नहीं रह रहे हैं इसी वजह से हमारे बीच दूरियां बढ़ गई हैं। जो भी हुआ मैं उसे भूलने को तैयार हूं।
मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं और उन्हें अपनी जिंदगी में वापस पाना चाहती हूं।” रिचा के मुताबिक जब उन्होंने संजय से डिवोर्स को लेकर बात की, तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया था। हालांकि अंत में संजय ने रिचा को तलाक दे दिया, और तो और संजय ने अपनी बेटी को भी अकेला ही छोड़ दिया।
गलत फैसले ने तबाह की कई जिंदगियां
संजय लव ट्रायंगल में फंसकर अपनी खूबसूरत शादी को बर्बाद करने वाले कोई पहले शख्स नहीं है। उनके जैसे तमाम उदाहरण समाज में मौजूद हैं। सामाजिक होना, किसी के साथ हंसना मुस्कुराना कोई गलत बात नहीं है। लेकिन अपनी मर्यादा के बाहर जाकर अपने रिश्तो को ताक पर रख देना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता। संजय और माधुरी के बीच भले ही ऐसा कोई रिश्ता न रहा हो, लेकिन समाज की नजरों में दोनों हमेशा लव-बर्ड्स की तरह जाने गए और इसका खामियाजा ये हुआ कि एक अच्छा खासा हंसता-खेलता परिवार बिखर गया और कई जिंदगियां बर्बाद हो गईं।
शादी सिर्फ दो इंसानों, दो परिवारों का मिलन नहीं है। शादी एक ऐसा रिश्ता है जो प्यार, जिम्मेदारी और भावनाओं के जटिल धागों से बुनकर बनता है। जब ये रिश्ता टूटता है तो इंसान बिखर जाता है और आंसुओं के सागर में गोते लगाने लग जाता है। इतने में आता है कि आधुनिक युग में शादी जैसे रिश्ते की अहमियत कम होती जा रही है, जोकि कहीं से भी सही नहीं है।