IAS Ram Vilas Yadav : उत्तराखंड में पहली बार किसी आईएएस अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में भेजा गया जेल, जानें क्या थी वजह
Uttarakhand IAS Arrested : आय से अधिक अधिक संपत्ति मामले में उत्तराखंड के IAS अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है l Vigilance Department ने एक रिपोर्ट सरकार को इस संबंध में जानकारी दी. इस IAS अधिकारी का नाम राम विलास यादव है. जिन्हें तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
आय से अधिक संपत्ति मामले में उत्तराखंड के IAS अधिकारी राम विलास यादव को सस्पेंड कर दिया है l इतना ही नहीं उत्तराखंड सरकार ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए उन्हे हिरासत में ले लिया l आपको बता दें कि उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में राम विलास यादव अपर सचिव के पद पर थे l दरअसल Vigilance Department ने अधिक संपत्ति मामले में राम विलास यादव पूछताछ कर एक रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंपी l मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रिपोर्ट में अधिकारी के खिलाफ कथित रूप से आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति मिली l जिसके बाद से उत्तराखंड सरकार उनके खिलाफ एक्शन में दिखी और उनको हिरासत में ले लिया गया l
विजिलेंस विभाग के खुलासे ने चौंकाया
अपने बयान में विजिलेंस विभाग ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई l साथ ही ये भी बताया कि इस मामले में IAS अधिकारी राम विलास यादव पहले से कार्यवाही चल रही थी l अप्रैल 2019 को ही राम विलास यादव खिलाफ केस दर्ज किया गया था l पिछले साल सितंबर में ही विजिलेंस ने सरकार को इस मामले में रिपोर्ट भेजी थी l रिपोर्ट में साफ़ साफ़ बता दिया गया था की राम विलास यादव के उनके ज्ञात स्रोतों से 547 गुना ज्यादा संपत्ति है l इस महिने ही उत्तराखंड विजिलेंस डिपार्टमेंट ने लखनऊ और देहरादून में राम विलास यादव के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी l इस दौरान उनके खिलाफ कई सबूत मिले l
स्टेट विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि “सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया. आय से अधिक संपत्ति को लेकर IAS राम विलास यादव को दिन भर की पूछताछ के बाद के गिरफ्तार किया गया.”
राम विलास ने कोर्ट में आरोपों को किया ख़ारिज
जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि राम विलास यादव जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं l हालांकि उन्होंने कोर्ट में सफाई देते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं l ये संपति उनके परिवार ने मेहनत से अर्जित की है . निजी अख़बार के मुताबिक राम विलास यादव ने कोर्ट में बयान देते हुए कहा कि,”मेरा बेटा सुप्रीम कोर्ट में वकील है. पत्नी कॉलेज में प्रबंधक है और बेटी विदेश में काम करती है. मुझे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया. जिस व्यक्ति ने मेरे खिलाफ केस दर्ज की है उसी के खिलाफ कई मामले लंबित हैं. सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उसे पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया.”