Hydrogen train in India : बुलेट ट्रेन से पहले भारत आ रही है हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन, आरामदायक सफर के साथ होगी ये खासियत
अभी तक आपने कोयला-डीज़ल और इलेक्ट्रिक से संचालित होने वाली ट्रेनों के बारे में सुना होगा। आज हम आपको हाइड्रोजन ईंधन से संचालित होने वाली ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं। अभी हाल में ही जर्मनी में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का ट्रायल किया जा रहा है और बहुत जल्द ही ये यात्रियों के लिए संचालित की जाएंगी। भारत में भी अगले साल हाइड्रोजन ट्रेन भारत में चलाई जाएंगी।
हाइड्रोजन ट्रेन चलाने वाला दूसरा देश बनेगा भारत
भारतीय रेलवे अब हाइड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि अगले साल से देश में हाइड्रोजन ट्रेन चलाई जाएंगी। हाइड्रोजन ट्रेन चलाने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश बन जाएगा। हाइड्रोजन ट्रेन जर्मनी में चलती हैं। इन ट्रेनों का निर्माण एस्लटॉम SA कंपनी ने किया है।
हाइड्रोजन ट्रेन की सबसे खास बात ये है कि इसमें ईंधन भरने में 20 मिनट से भी कम समय लगता है। हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनोों को हाइड्रेल कहा जाता है। अभी ये ट्रेनें का ट्रायल सिर्फ जर्मनी में किया गया है। बहुत ही जल्दी इसको यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
हाइड्रोजन से 1000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी ट्रेन
हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन के इंजन में हाइड्रोजन इंटरनल कंबंसन इंजन या हाइड्रोजन फ्यूल सेल ऑक्सीजन रिएक्शन से संचालित की जाती है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इससे प्रदूषण ना के बराबर होता है। भारत में ट्रेन चलाने के लिए अभी डीज़ल का इस्तेमाल किया जाता है जिससे काफी प्रदूषण होता है। ऐसे में हाइड्रोजन ट्रेनों के संचालन से प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा।
जर्मनी की हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण एल्सटॉम SA कंपनी कर रही है। इन ट्रेनों को डीज़ल से चलने वाली ट्रेनों की जगह दी जाएगी। हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल 1000 किलोमीटर की दूरी तक किया गया है। मतलब इन ट्रेन में जब एक बार ईंधन भरा जाएगा तो उसके बाद ये एक हज़ार किलोमीटर तक की दूरी तय करेंगी।