International Women’s Day : देश की सर्वश्रेष्ठ महिला IAS अधिकारी जिन्होंने अपने काम से दिखाया कि महिलाएं नहीं होती कमजोर
International Women’s Day 2021 : पूरे विश्व में 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं की सशक्त करके उनकी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सहित अलग अलग क्षेत्रों में उनकी भागीदारी को बढ़ाकर जागरुक करना है. इस मौके में आज हम आपको कुछ ऐसी IAS अधिकारियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने काम से ये साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी हालात में पुरुषों से कम नहीं हैं.
इन महिलाओं ने अपनी क्षमता, बुद्धिमता और ताकत की बदौलत पूरे देश में नाम रोशन किया. महिला दिवस के मौके पर हर शख्स को ऐसी शक्तिशाली महिला IAS अधिकारियों के बारे में जरूर जानना चाहिए. आपको बताते चलें कि करीब 20 पुरुषों में करीब 1 महिला IAS अधिकारी ही है.
अन्ना राजम मल्होत्रा
आजादी के बाद भारत की सर्वश्रेष्ठ IAS ऑफिसर्स में देश की पहली महिला IAS अफसर अन्ना रजम मल्होत्रा का नाम सबसे ऊपर आता है. देश के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है. अन्ना साल 1951 के उस दौरान सिविल सेवा में शामिल हुई जब महिलाओं की शिक्षा नहीं हो पाती थी. उनके दृढ निश्चय और संकल्प की बदौलत उन्हें सिविल सेवा में नौकरी करने का मौका मिला. उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ . उनका पूरा नाम अन्ना रजम जॉर्ज था. केरल के ही कोझिकोड में स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा में डिग्री हासिल की.
अन्ना ने एक साक्षात्कार में बताया था कि जब वो IAS इंटरव्यू के लिए गयी थी उस समय उनको एडमिनिस्ट्रेटिव सेवा न चुन कर भारतीय विदेश सेवा के लिए चयनित किया गया था. लेकिन अन्ना IAS अधिकारी बनना चाहती थी इस वजह से उन्होंने अपना प्रयास करना नहीं छोड़ा और भारत की पहली महिला IAS अफसर बन गईं. अपने कार्यकाल में उन्होंने प्रथम मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी से ले कर राजीव गाँधी के साथ काम किया. साल 2018 में 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
IAS बी. चंद्रकला
IAS बी. चंद्रकला का नाम भला कौन नहीं जानता है. सोशल मीडिया में उनकी कामयाबी के चर्चे होते रहते हैं. वो उत्तर प्रदेश कैडर से शामिल हुई थी. जिसके बाद यूपी के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक मेरठ जिले में वो जिलाधिकारी के तौर पर काम कर चुकी हैं.
उनकी छवि ऐसे अधिकारियों में से है जो पूरी ईमानदारी से अपना काम करती हैं साथ ही किसी भी अधिकारी या ठेकेदार से हिसाब किताब मांग लेती हैं. वो अपने फेसबुक पोस्ट्स और ट्वीट्स से युवाओं में काफी चर्चा का विषय बनीं रहती हैं.
मुग्धा सिन्हा (IAS Mugdha Sinha)
राजस्थान कैडर की मुग्धा साल 1999 बैच की IAS अधिकारी हैं. वो ऐसी कद्दावर जिलाधिकारी रही हैं जो अपने कामों को लेकर चर्चा में बनीं रहती हैं. 15 साल की उनकी सिविल सेवा की नौकरी में उनका 14 बार ट्रांसफर हो चुका है.
गुंडों और माफिया उनसे बहुत डरते थे. इसके अलावा झुंझनू जिले की मुग्धा पहली महिला जिलाधिकारी भी बनीं. उनकी जहां भी पोस्टिंग हुई है वहां से भष्ट्राचार और अपराधों में काफी कमी देखने को मिली.
IAS Smita Sabharwal (स्मिता सभरवाल)
साल 2001 बैच की IAS अधिकारी स्मिता सभरवाल को People’s Officer के नाम से जाना जाता है. उनकी पहली पोस्टिंग चित्तूर जिले में सब -कलेक्टर के रूप में हुई. आंध्र प्रदेश के कई जिलों में उन्होंने काम किया.
उन्होंने साल 2011 में करीमनगर जिले का जिलाधिकारी बनाया गया. जहां उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में ‘अम्माललाना’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की. जिसकी सफलता के चलते स्मिता को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया था