किसी भी बड़ी सफलता को हासिल करने के लिए आपको संघर्ष भी बहुत ज्यादा करना पड़ता है. आज हम जिस शख्स की कहानी आपको बताने जा रहे हैं वो एक अर्तर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं. पूरी दुनिया में उनकी बैटिंग और विकेटकीपिंग की सरहाना होती है. इस क्रिकेटर का नाम ऋषभ पंत है. आज ऋषभ पंत ने जो सफलता हासिल की है वो इतनी आसान नहीं थी.
एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने संघर्ष का जिक्र करते हुए बताया था कि जब वो प्रैक्टिस कर रहे थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. कभी कभी उन्हें भूखे रहकर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. लेकिन उन्होंने इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी और क्रिकेट खेलते रहे. जिसके बाद उन्हें सफलता हासिल हो गई. ऋषभ पंत की कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो मुसीबत आने पर संघर्ष करना छोड़ देते हैं. आइए जानते हैं उन्होंने कैसे सफलता हासिल की.
उत्तराखंड के रुड़की में जन्में ऋषभ पंत का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम राजेंद्र पंत था और माता का नाम सरोज पंत हैै. उनके पिता स्कूल के संचालक थे. वहीं, ऋषभ की मां परिवार की जिम्मेदारियां संभालती हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई रुड़की के आर्मी स्कूल में पूरी हुई.
ऋषभ (Rishabh Pant) को बचपन से क्रिकेट खेलना पसंद था. क्रिकेट के प्रति उनकी लगन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अंडर-12 टूर्नामेंट में तीन शानदार शतक जड़कर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया. इसके बाद जल्द ही उन्हें दिल्ली कैंट के एयरफोर्स स्कूल में दाखिला मिल गया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
ऋषभ पंत बचपन को बचपन से ही क्रिकेट काफी पसंद था. वहीं पिता का सपना भी था कि बेटा बड़ा होकर अर्तराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेले. ऋषभ बताते हैं कि उत्तराखंड में वो अपने स्कूल में क्रिकेट खेला करते थे. इस दौरान वो अन्य बच्चों की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन करते थे. बेटे की कड़ी मेहनत और लगन देखकर परिवार ने उन्हें दिल्ली की टॉप क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण देने का विचार बनाया.
एक साक्षात्कार में ऋषभ ने बताया है कि क्रिकेट अकादमी ज्वाइन करने के पहले उनके पिता ने 6-7 साल पहले एक कैंप में उनकी मुलाकात कोच देवेंद्र शर्मा से करवाई. दिल्ली में इस अकॉदमी को ज्वाइन करने में देवेंद्र शर्मा ने उनकी काफी मदद की. जिसके बाद ऋषभ दिल्ली में अपनी मां के साथ राजधानी आकर रहने लगे. ऋषभ दिल्ली में अपनी मां के साथ रहने जरूर लगे थे लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्हें मोती बाग गुरुद्वारा में रहना पड़ा. बेटा जहां पिता के सपनों को पूरा करने में जी-जान से जुटा था, वहीं मां भी गुरुद्वारे में सेवा किया करती थी.
मेहनत और लगन का नतीजा ऋषभ को बहुत जल्द ही देखने को मिला. उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2016 में नेपाल के खिलाफ 18 गेंदों में हाफ सेंचुरी जड़कर नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने इसी टूर्नामेंट में नामीबिया के खिलाफ शतक मारकर टीम इंडिया को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया. इस टूर्नामेंट ने ऋषभ की किस्मत बदल दी. अच्छे प्रदर्शन की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग में ऋषभ को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.9 करोड़ रुपए में खरीद लिया.
ऋषभ ने साल 2016-2017 क्रिकेट में झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में शतक जड़कर तहलका मचा दिया था. इसके बाद उनके चर्चे होने लगे थे. इसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया. खुद को संभालते हुए उन्होने अपना प्रयास जारी रखा. ऋषभ ने 10 प्रथम श्रेणी मैचों की 16 पारियों में 1080 रन बनाए, इसमें 4 शतक और 3 अद्र्धशतक शामिल हैं।
Khesari lal Yadav : भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर अपने नए गाने 'फरिश्ता' की रिलीज से… Read More
भोजपुरी बड़े पर्दे पर काजल राघवानी और खेसारी लाल यादव के बीच की मनमोहक केमिस्ट्री ने कई दर्शकों का दिल… Read More
Anushka Sharma : बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा न केवल एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं, बल्कि अपनी शानदार सुंदरता के लिए भी… Read More
Soha ali khan : बॉलीवुड फिल्म उद्योग में कई अभिनेत्रियां हैं जो अभिनय की दुनिया में प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित परिवारों… Read More
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और उनके क्रिकेटर पति विराट कोहली को गुरुवार को मुंबई में इंडियन स्पोर्ट्स ऑनर्स 2023 कार्यक्रम… Read More
Rupali ganguly : रूपाली गांगुली, जिन्हें अनुपमा के नाम से भी जाना जाता है, सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कंटेंट… Read More