यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र आरव की हुई घर वापसी, अगर जिंदा ना रहता तो बहन रख लेती परिवार का ख्याल, मां से लिपटकर बताई मार्मिक दास्तां

यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र आरव की हुई घर वापसी, अगर जिंदा ना रहता तो बहन रख लेती परिवार का ख्याल, मां से लिपटकर बताई मार्मिक दास्तां

यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थी जैसे जैसे घर वापसी कर रहे हैं वैसे ही वॉर जोन से बचकर निकलने की उनकी मार्मिक कहानियां भी सामने निकल कर आ रही है. पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए इन बच्चों में कानपुर के ग्वालटोली से भाई-बहन की ऐसी घटना सामने आई है कि जो भी ये सुनता उसकी आंखें भर आती है. ग्वालटोल के डीजी कॉलेज में प्रवक्ता मधुरिमा सिंह के बेटे आरव और बेटी अक्षरा भी यूक्रेन के खार्कीव विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हुए थे.

आरव के मुताबिक 24 फरवरी को रूस द्वार यूक्रेन पर हवाई हमले के बाद 2 मार्च तक कॉलेज के हॉस्टल के बेसमेंट में अपने अन्य दोस्तों के साथ ठहर गए. लागतार रूस द्वारा खार्किव में हमले और गोलाबारी के बीच सरकार द्वारा खार्कीव को खाली करने का आदेश दे दिया गया. इसके बाद दोनों भाई-बहन बचते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचे. आरव आगे बताते हैं कि जिस दौरान वो रेलवे स्टेशन पर थे उसी समय उनका तबियत होने गई. स्टेशन में भीड़ ज्यादा होने की वजह से उन्होंने ट्रेन में अपनी बहन अक्षरा को तो चढ़ा दिया लेकिन खुद नहीं चढ़ पाए. इसी दौरान रेलवे स्टेशन में हवाई फॉयरिंग भी होने लगी और स्टेशन में भगदड़ मच गई.जिस वजह से आरव अपनी बहन अक्षरा से छूट गए.

यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र आरव की हुई घर वापसी, अगर जिंदा ना रहता तो बहन रख लेती परिवार का ख्याल, मां से लिपटकर बताई मार्मिक दास्तां 1

जिसके बाद अक्षरा पोलैंड होते हुए रविवार को भारत वापस आ गईं. आरव बताते हैं कि अपनी बहन के घर पहुंचने के बाद उन्हें थोड़ा सुकून मिला. वो सोच रहे थे कि अगर यूक्रेन में उनके साथ कुछ हो जाते हैं तो घर पर उनकी बहन माता-पिता की सेवा कर लेगी. हालांकि जिस दिन आरव ने अपनी बहन को ट्रेन में छोड़ा था उसी दिन एंबेसी के रोमानिया बार्डर के लिए जाने वाली बस में वो बैठ गए. और रोमानिया आ गए. इसके बाद आरव ने 5 मार्च को बार्डर पार किया और भारत आ गए. दिल्ली आने के बाद उनको परिवार ने रिसीव किया

आसान नहीं था घर पर आने का सफर

आरव अपने खतरनाक सफर का जिक्र करते हुए बताते हैं कि जब वो छात्रों की टुकड़ी के साथ खार्कीव से करीब पांच किमी दूर पहुंच थे तभी उनकी टुकड़ी के नजदीक ही एक बम आकर गिर पड़ा. उस समय आरव के साथ करीब 90 अन्य भारतीय छात्र भी थे.

यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र आरव की हुई घर वापसी, अगर जिंदा ना रहता तो बहन रख लेती परिवार का ख्याल, मां से लिपटकर बताई मार्मिक दास्तां 2

जिसके बाद वो काफी डर गए. लेकिन उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और जैसे-तैसे वो मुश्किल से पहुंच सकें. वो बताते हैं कि निजी वाहन चालक प्रति व्यक्ति करीब 500 डॉलर तक किराया मांग रहे थे. हालांकि 3 दिन बाद दूतावास ने बसें भेजकर हमें निकाला.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *