ढाई माह की मासूम को कपड़े में लपेटकर अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ा, पास रखी मिली दूध की बोतल
कभी कभी आंखो के सामने कुछ ऐसा मंजर देखने को मिल जाता है जिस पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। यह दुनिया अच्छे तथा बुरे लोगों से भरी हुई है। लेकिन कभी-कभी ऐसी घटना देखने को मिल जाती है जो यह सोचने को मजबूर कर देता है कि दुनिया में कितने क्रूर लोग भरे हुए हैं। ऐसे ही आंखों को नम कर देने वाली एक घटना सामने आई है राजस्थान राज्य के पलवल जिले से। मामला है दीपावली के ठीक 1 दिन पहले का जब एक अनाथ आश्रम के बाहर खेल रहे कुछ बच्चों ने देखा कि आश्रम के बाहर ढाई माह की एक बच्ची कंबल में लिपटी हुई पड़ी हुई है।
जमीन पर पड़ी हुई इस बच्ची के पास दूध की एक बोतल भी रखी गई है। बच्चों ने जब ये देखा तो उन्होंने आश्रम के इंचार्ज को इस बात की जानकारी दी। अनाथ आश्रम के संचालक ने बिना देर किए पुलिस को इस मामले के बारे में जानकारी दी। पुलिस की सहायता से जल्दी से जल्दी इस बच्ची को पास के अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों की जांच के बाद अब बाल कल्याण समिति के लोग इस बच्चे की देखभाल कर रहे हैं।
बाल कल्याण समिति की सदस्या अल्पना मित्तल ने बताया कि बच्ची पूरी तरीके से स्वस्थ है, डॉक्टर के मुताबिक बच्ची की उम्र ढाई से तीन माह है । अल्पना जी का कहना है कि यदि बच्ची को सही समय पे अस्पताल ना पहुंचाया गया होता तो उसकी जान भी जा सकती थी। बच्ची के पहचान के संबंध में अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है की पारिवारिक कलह से जूझ रही कोई महिला बच्ची को अनाथ आश्रम के बाहर छोड़कर चली गई, जिससे बच्ची की जान को बचाया जा सके.
बाल कल्याण समिति की अधिकारी सीता इंदीवर ने बताया कि गांव के लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पुलिस की सहायता से बच्ची के परिवार के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास किया जा रहा है। अल्पना जी ने आगे बताया कि प्रत्येक जिले में प्रदेश की सरकार की तरफ से सीसीआई का गठन किया गया है जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से अपने बच्चे को सरकार को कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए सुपुर्द कर सकता है।