Girl With Turtle Skin : डॉक्टरों ने कहा कि मासूम बच्ची को भगवान भी नहीं बचा सकता, मां ने कराया इलाज और बच गई मासूम
Girl With Turtle Skin : डॉक्टरों को भगवान का रूप कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर डॉक्टर चाहे तो किसी भी शख्स को के शरीर में सांसें चला सकते हैं. लेकिन ऊपर वाले से बड़ा कोई नहीं होता है. अगर ईश्वर की मर्जी नहीं होती है तो एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. आज हम आपको जिस वाक्ये के बारे में बताने जा रहे हैं उसमें बच्ची के जन्म के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने भी हार मान ली थी. लेकिन कुदरत के आगे किसी की भी नहीं चलती ! उस बच्ची ने मौत को झुठलाकर मात दे दी और जीवित बच गई. ये पूरा मामला यूरोप के स्लोवाकिया का है. जहां एलिज़ाबेथ नाम की बच्ची जिन्दा है.
जब एलिजाबेथ का जन्म हुआ था तब सारे डॉक्टर्स ने उनके माता पिता को बता दिया था कि उनकी बेटी के जिन्दा रहने के चान्सेस बहुत कम हैं. डॉक्टरों ने बताया था कि कि ये मासूम बच्ची बेहद मोटी चमड़ी होने की बीमारी से जूझ रह है जिसे डॉक्टर्स टर्टल स्किन कहते हैं. उनके मुताबिक इस बीमारी में त्वचा कछुए के बाहरी स्वरूप की हो जाती है. त्वचा इतनी मोटी हो जाती है कि इंजेक्शन भी बहुत मुश्किल से जा पाता है. ऐसे में इलाज करने में भी बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वहीं, डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मरीजों का सर्वाइव करना भी बहुत इम्पॉसिबल होता है. हालांकि डॉक्टर्स की वार्निंग के बाद भी बेबस माता पिता ने बेटी की जिंदगी की उम्मीद नहीं छोड़ी. ईश्वर ने भी माता पिता और डॉक्टर्स का साथ दिया और बच्ची की जिंदगी बच गई.
क्या होती है (Girl With Turtle Skin) टर्टल स्किन
डॉक्टरों के मुताबिक टर्टल स्किन की बीमारी में त्वचा कछुए के समान हो जाती है. पूरे शरीर में सफेद रंग के चकते पड़ते हैं फिर धीरे धीरे त्वचा शरीर के हर भाग से फटने लगती है. धीरे धीरे त्वचा इतनी सख्त हो जाती है कि बीमार शख्स की मौत तक हो जाती है.
एलिजाबेथ की मां अपनी बेटी के बारे में बताती हैं कि उसके साथ भी यही हो रहा था. बेटी का जिंदा रहना काफी मुश्किल लग रहा था. वो कहती है कि एलिजाबेथ का जन्म 6 हफ्ते पहले ही हो गया था. इस कारण उसका शारीरिक विकास भी अच्छी तरह से नहीं हो पाया था. जिस कारण इस बीमारी ने और मुश्किल में डाल दिया था.
2 साल की एलीजाबेथ की रखनी पड़ती है एक्ट्रा केयर
एलिजाबेथ की मां बताती हैं कि उन्हें अपनी बेटी का खास ख्याल रखना पड़ता है. उनकी आंखों में हर एक या दो घंटों जेल लिक्विड या ऑईड्रॉप आदि डालने की जरूरत पड़ती रहती है. इस बीमारी की वजह से एलिजाबेथ अपनी आंखें तक बंद नहीं कर पाती हैं.
इसके अलावा उसकी पूरी बॉडी में बैंडेज चढ़ाना पड़ता है. साथ ही पूरे दिन में दो लॉन्ग बाथ लेना भी रूटीन में शामिल है. हालांकि सोशल मीडिया में एलिजाबेथ की सर्वाइवल स्टोरी काफी वायरल हो रही है. लोग उनकी इस तकलीफ में अपनी अपनी सद्भावना प्रकट कर रहे हैं