Chai Sutta Bar Success story : यूपीएससी की पढ़ाई छोड़कर खोली चाय की दुकान, रिश्तेदारों ने उड़ाया था मजाक लेकिन आज दुकान का है करोड़ों का टर्नओवर
Chai Sutta Bar Success story : देश में अभिभावकों से पूछा जाए कि आप अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते हैं. तो ज्यादातर जवाब के तौर पर डॉक्टर, इंजीनियर या फिर बड़ा अधिकारी जैसी गिनी चुनी नौकरियों के बारे में ही बताएंगे. आज जिन सफल युवाओं की कहानी आपको बताने जा रहे उनके परिजनों ने भी बेटे को आईएएस अधिकारी बनने के लिए दिल्ली भेजा था. लेकिन बेटा चाय की दुकान खोलना चाह रहा था. फिर क्या था यूपीएससी की तैयारी छोड़कर चाय कि दुकान ऐसी चलाई की सभी हैरान रह गए.
उनकी चाय कि दुकान का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है. ये दुकान 2 दोस्तों ने मिलकर खोली थी. इन युवाओं का नाम अनुभव दुबे और आनंद नायक है. आइए जानते हैं कैसे यूपीएससी की तैयारी छोड़कर दोनों दोस्तों ने करोड़ों के टर्नओवर की चाय की दुकान खोल ली.
तैयारी के दौरान आया चाय की दुकान खोलने का आईडिया
अनुभव दुबे और आनंद नायक पढ़ाई के लिए अपने अपने गांव से इंदौर आए थे. यहां पर दोनों की मुलाकात हुई. उस दौरान दोनों पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन कुछ समय बाद आनंद व्यवसाय करने लगे और अनुभव यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. दिल्ली जाने के बाद दोनों दोस्तों के बीच में अच्छी खासी बात हुआ करती थी.
एक दिन आनंद ने अनुभव को कॉल किया. आनंद ने अपने दोस्त को बताया कि उनका व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा है. वही, अनुभव का भी पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था. जिसके बाद दोनों ने एक साथ व्यवसाय करने का विचार किया. दोनों ने इंदौर में मुलाकात की और यह फैसला लिया कि वो एक चाय की दुकान खोलेंगे.
परिवार और रिश्तेदारों ने खूब सुनाएं ताने
एक साक्षात्कार में दोनों दोस्तों ने बताया था कि देश में पानी के बाद कोई चीज बिकती है तो वो चाय है. युवा हो या उम्रदराज लोग सभी चाय के काफी शौकीन होते हैं. उन्होंने थोड़ा विचार करके युवाओं को ध्यान में रखकर अपनी चाय की दुकान खोल ली. वो बताते हैं कि उन्होंने इस व्यवसाय की शुरुआत मात्र 3 लाख रुपयों से की थी. अपनी पहली दुकान एक गर्ल्स हॉस्टल के बगल में खोली थी.
पैसों की कमी इतनी ज्यादा थी कि उन्होंने पहली दुकान में जो बोर्ड लगाया था, वह भी देखने में ज्यादा अच्छा नहीं था. बहुत साधारण से बोर्ड में उन्होंने ‘चाय सुट्टा बार’ नाम अपनी दुकान को दिया. वो बताते हैं कि उनके इस फैसले से परिवार और रिश्तेदारों ने उन पर खूब ताने मारे. यूपीएससी की तैयारी को छोड़कर सीधा चाय की दुकान खोलने के फैसले पर सभी लोग हैरान रह गए थे. हालांकि उनका इरादा पक्का था कि वो इसी व्यवसाय में अपना करियर बनाएंगे.
देश विदेश में है 170 से भी ज्यादा आउटलेट्स
जब उन्होंने पहली बार अपनी दुकान खोली तो शुरुआत में बहुत ही कम ग्राहक आते थे. ग्राहकों के कमाने की वजह से दोनों दोस्तों को अपने करियर को लेकर चिंता हुई. लेकिन धीरे धीरे समय के साथ उनकी दुकान में संख्या बढ़ने लगी. गांव को की बढ़ती संख्या में ना सिर्फ उनके हौसले को बढ़ाया बल्कि उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत किया. दोनों दोस्तों ने इंटरनेट का सहारा लेकर दुकान कि मार्केटिंग की और धीरे-धीरे दुकान युवाओं के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय हो गई.
इसके संचालकों के मुताबिक आज देश-विदेश में 170 से भी ज्यादा आउटलेट्स हैं. जिनमें भारत में अलग अलग राज्यों में 165 आउटलेट्स हैं. वहीं 5 आउटलेट्स विदेश में हैं. आज इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ है. किसी काम को छोटा समझ कर ना करने वाले लोगों के लिए यह दोनों युवा प्रेरणा स्रोत के तौर पर है.