अगर आप भी शहद खाते हैं तो हो जाइए सावधान, बड़ी कंपनियों के भी दावे फेल
अगर आप स्वस्थ्य रहने के लिए रोजाना शहद का सेवन करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. औषधीय गुणों के परिपूर्ण शहद में मिलावट आ रही है. इसमें मिलावट इस हद तक है कि अनब्रांडेड कंपनियों से लेकर नामी गिरामी कंपनियां भी इसमें मिलावट कर रही हैं. इस बात का खुलासा खुद सीएसई ने किया है.
सीएसई ने बाजार में मिलने वाले 13 बड़े ब्रांड्स को जांच के लिए चुना. इसके बाद इन शहद के नमूनों के लिए गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में स्थित सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड भेजा गया. यहां जांच में पता चला की ज्यादातर शहद में मिलावट की गई है.
वहीं कुछ छोटे ब्रांड्स में सी3 और सी4 लेवल का शुगर पाया गया. इन ब्रांड्स को न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस टेस्ट किया गया तो पता चला की सभी ब्रांड्स में कुछ ना कुछ मिलावट की गई है. कुछ ब्रांड्स में इतना शुगर पाया गया कि शुगर का मरीज अगर शहद खा ले तो उसका शुगर लेवल तुरंत बढ़ जाएगा.
13 ब्रांड परीक्षणों में सिर्फ 3 ही एनएमआर परीक्षण में पास हो पाए. सीएसई के फूड सेफ्टी एंड टॉक्सिन टीम के कार्यक्रम निदेशक अमित खुराना ने बताया कि मिलावट का व्यापार इतना व्यापक हो चुका है कि भारत में होने वाले अधिकतर बेसिक परिक्षण से ये ब्रांड्स आसानी से बच जाते हैं.
इसी का फायदा उठाकर ये कंपनियां अरबों रुपयों का व्यापार करते हैं. यहां तक की मार्केट के कुछ प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय आदि भी टेस्ट में फेल हो गए.
मिलावट का चीन कनेक्शन
निदेशक अमित खुराना ने शहद में मिलावट को चीन से कनेक्टेड बताया है. उनके अनुसार जिस सुगर सीरप से ये जानी मानी कंपनियां मिलावट करती हैं वो चीन से निर्यात किया जाता है. दरअसल चीन की कंपनियां फ्रुक्टोज सीरप को भारत में भेजती है.
चीन की कुछ वेबसाइट्स में दावा किया गया है कि ये फ्रुक्टोज सीरप भारतीय परीक्षणों को आसानी से बाईपास कर सकता हैं.
सीएसई ने ये जानकारी खुफिया ऑपरेशन के दौरान पता की. इसी फ्रुक्टोज सीरप को ये कंपनियां भारत में खरीदकर नकली शहद बना देती हैं. ये नकली शहद स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता हैं. इसके साथ शहद के औषधीय गुणों को भी खत्म कर देता है.