उंगलियां चटकती हैं लेकिन टूटती क्यों नहीं ?
हम अकसर अपने खाली समय को कुछ अजीबो-गरीब कामों मे उलझा देते हैं. हालांकि उसका क्या मतलब निकलता है, इस बात से हम बिलकुल बेफिक्र बने रहते हैं. उन्हीं अजीबो गरीब कामों में उंगली चटकाना है. कुछ लोगों की आदत होती है की खाली समय मिलने पर अपनी उंगलियां चटकाने लगते हैं.लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर आपकी उंगलियों के चटकने में आवाज कैसे आती है.
हालांकि, इस बारे में आप ही नहीं विश्व के अलग-अलग इलाकों से वैज्ञानिक खोजबीन में लगे हुए थे. जिसका जवाब पिछले 4 दशक पहले ही मिल गया था लेकिन कोई ठोस सबूत ना मिलने के चलते ये मुद्दा बहस तक ही सीमित रह गया था.खैर, इस बात का जवाब अमेरिका और फ्रांस के शोधकर्ताओं ने निकाल लिया है. शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में पता लगाया है कि उंगलियों की चटकने की आवाज आने की मुख्य वजह उंगली की हड्डियों के बीच की खाली जगह में भरा तरल पदार्थ है.
जब हम अपनी उगली को दबाते हैं तो तरल पदार्थ पर बुलबुले उठने लगते हैं. ये बुलबुले जब फूटते हैं तो चटकने जैसी आवाज को जन्म देते हैं सबसे बड़ी बात ये है कि इस प्रक्रिया के लिए पूरी एक सदी से बहस चल रही है. इस शोध के पीछे फ्रांस के विज्ञान के छात्र विनीत सुजा और डॉ अब्दुल बरकत का दिमाग है. जिसमें उन्होंने गणित के समिकरण के जरिए इस प्रक्रिया को समझाया.
इस विषय पर उन्होंने तीन गणित के समिकरण बनाए .जिसमें पहले समीकरण में उन्होंने समझाया कि हमारी उंगलियों के चटकाने के दौरान हड्डियों के जोड़ों में अलग अलग दबाव पड़ता है. वहीं दूसरे समीकरण में अलग अलग दबाव से बुलबुलो का साइज बनता है ज्यादा दबाव पड़ने से बुलबुजडा ज्यादा बनता है. आखिर में तीसरा समीकरण में बुलबुलों को आवाज करने वाले बुलबुलों के साथ जोड़ा. जिसके बाद ये निषर्खण निकला की बुलबुलों की वजह से चटकने की आवाज आती है