Sohanlal IAS : मजदूर पिता के बेटे ने पास की यूपीएससी परीक्षा, 201वीं रैंक हासिल कर बना IAS अधिकारी
Sohanlal IAS : किसी काम के लिए अगर आपका इरादा पक्का है औ मेहनत करने में आप पीछे नहीं हटते तो सफलता आपको जरूर मिलती है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम सोहन निठारवाल है. जिनके पिता मजदूरी करते थे. पिता चाहते थे कि किसी तरह वो मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ा लें जिससे उनके बेटे को मजदूरी ना करनी पड़े.
पिता की मेहनत की बेटे ने कद्र करते हुए देश की सबसे कठिन यूपीएससी परीक्षा में अच्छी खासी रैंक हासिल की और अपने पिता के सपनों को साकार किया. गरीबी और मुश्किल हालातों के बीच अधिकारी बनने की सोहन की जिद ने उनका सपना पूरा किया. और वो अधिकारी बन गए. सोहन की कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो यूपीएससी परीक्षा में अपना करियर बनाना चाहते हैं आइए जानते हैं सोहन की सक्सेस स्टोरी के बारे में.
कौन हैं (Sohanlal IAS) आईएएस सोहनलाल निठारवाल
राजस्थान के सीकर माधोपुर के रहने वाले सोहन गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम बनवारीलाल निठारवाल है. जोकि अनाज की मंडी में मजदूरी करते हैं और खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने की वजह से शुरुआत में सोहनलाल को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई करनी पड़ी. पिता बचपन से ही बेटे को अधिकारी बनता हुआ देखना चाहते थे. यही वजह थी कि उन्होंने सोहन की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी.
खुद ज्यादा पढ़े लिखे ना होने के बावजूद वो पढ़ाई का महत्व अच्छी तरह से जानते थे. सोहन ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की इसके बाद वो सीकर में आ गए. यहां उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी की. बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा होने के कारण सोहनलाल को कभी असफलता नहीं मिली. अपनी बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी की तैयारी करने का विचार किया. साल 2016 में उन्हें IIT दिल्ली में दाखिला मिल गया. इसके बाद उन्होने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार बना लिया था.
आसान नहीं थी upsc परीक्षा की तैयारी
सोहनलाल बताते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का फैसला तो उन्होंने कर लिया था. लेकिन वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां कोई सरकारी नौकरी में नहीं था. हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सीबीएससी बोर्ड की बेसिक किताबों से अपनी तैयारी शुरू कर दी.
वो कहते हैं दिन में 6-8 घंटों तक पढ़ाई किया करते थे. रोजाना अखबार पढ़कर खुद को अपडेट रखते थे. साल 2018 में उनका इंजीनियरिंग सिविल सेवा में चयन हो गया था. लेकिन वो आईएएस बनना चाहते थे . इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी.
201वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
साल 2019 में उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी. इस बार उनका सपना पूरा हो गया. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिया.
उन्होंने पूरे देश में यूपीएससी परीक्षा में 201वीं रैंक हासिल कर ना सिर्फ अपना और परिवार का नाम रोशन कर दिया बल्कि अपने गांव का नाम भी रोशन कर दिया. सोहनलाल फिलहाल राजस्थान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.