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shekhar kumar irs : माता पिता हुए सड़क दुर्घटना का शिकार तो बीच में पढ़ाई छोड़कर की सेवा, फिर मेहनतकर की पढ़ाई और बनें IRS अधिकारी - INDEPENDENT NEWS

shekhar kumar irs : माता पिता हुए सड़क दुर्घटना का शिकार तो बीच में पढ़ाई छोड़कर की सेवा, फिर मेहनतकर की पढ़ाई और बनें IRS अधिकारी

shekhar kumar irs : माता पिता हुए सड़क दुर्घटना का शिकार तो बीच में पढ़ाई छोड़कर की सेवा, फिर मेहनतकर की पढ़ाई और बनें IRS अधिकारी

UPSC की परीक्षा का अपना एक अलग ही महत्व है। जहां एक तरफ इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना आसान नहीं है, वहीं दूसरी तरफ जो अभ्यर्थी इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेते हैं उनका मान सम्मान समाज में अलग ही होता है। जो अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, वह समाज के लिए एक मिसाल बन जाते हैं, जिनकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक साबित होती है। आज हम आपको एक शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता का परचम लहराया। इस IRS अधिकारी का नाम शेखर कुमार है।

कौन हैं (shekhar kumar irs) आईआरएस शेखर कुमार

बिहार के एक छोटे से गांव में रहने वाले शेखर कुमार ने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष देखें है। शुरुआती दौर में इनकी आर्थिक स्थिति भी कुछ खास नहीं थी। शेखर की शुरुआती शिक्षा साधारण हिंदी मध्यम स्कूल से पूरी हुई। इनके माता-पिता कुछ खास पढ़े-लिखे नहीं थे परंतु उन्होंने बच्चों की पढ़ाई पर खास ध्यान दिया. इसी का असर था कि शुरू से ही शेखर कुमार बहुत मेहनती थे। शेखर ने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली से पूरा किया। ग्रेजुएशन के दौरान वह अपना खर्चा चलाने के लिए ट्यूशन पढ़ाया करते थे।

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यूपीएससी की तैयारी का हौसला इन्हें इनके पिता से मिला। शेखर के पिता का कहना था कि देश में सिर्फ 3 लोगों की इज्जत होती है पीएम, सीएम और डीएम। पिता की इन्हीं बातों का शेखर पर खास असर हुआ और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। लेकिन यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने का शेखर का यह सफर आसान नहीं था। उन्हें इस राह में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

मुश्किल हालातों का सामना करते हुए दी यूपीएससी परीक्षा

यूपीएससी की तैयारी के दौरान शेखर को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि एक दौर ऐसा भी आया था जब शेखर को तैयारी बीच में ही रोकनी पड़ी थी। एक इंटरव्यू के दौरान शेखर ने बताया कि जब वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे उसी समय उनके माता-पिता का एक्सीडेंट हो गया था।

इस एक्सीडेंट के बाद उनके पिता कोमा में चले गए थे, जबकि माता जी का आधा शरीर पैरालाइज्ड हो गया था। ये शेखर के जीवन का एक मुश्किल दौर था जब उन्हें अपनी यूपीएससी की तैयारी भी बीच में रोकनी पड़ी थी। इसके बाद जब उनके माता-पिता के हालत में सुधार हुआ तब जाकर वह अपनी तैयारी फिर से शुरू कर सके ।

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शेखर कुमार ने पहली बार जब इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी तब ये इसमें असफल रहे। जबकि दूसरी बार मुख्य परीक्षा के पेपर में 10 मिनट देरी से पहुंचने की वजह से इन्हें परीक्षा से वंचित रहना पड़ा। इसके बाद भी शेखर ने हिम्मत नहीं मानी. अगली बार उन्होंने काफी मेहनत और लगन से तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने ठान लिया था कि वो यूपीएससी परीक्षा पास करके ही रहेंगे.

562 वीं रैंक हासिल कर बने IRS अधिकारी

अपने दो प्रयासों में यूपीएससी के सपनों को साकार ना कर पाने वाले शेखर कुमार ने फिर से प्रयास किया. उन्हें साल 2010 में सफलता मिल गई। यूपीएससी में शेखर ने 562 वीं रैंक हासिल की। आज वह IRS Custom अधिकारी के पद पर तैनात हैं। यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए शेखर कुमार का कुछ खास सुझाव है। शेखर का मानना है कि यूपीएससी ही नहीं बल्कि किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को टाइम मैनेजमेंट आना अत्यंत आवश्यक है।

शेखर कुमार ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा है कि जब मेंस की परीक्षा में वह 10 मिनट देरी से पहुंचे उसके बाद से उन्हें टाइम मैनेजमेंट की कीमत समझ आई। शेखर कुमार का कहना है कि जो भी अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उन्हें बेहतरीन तरीके से टाइम मैनेजमेंट करना आना चाहिए और उसी के आधार पर अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहिए

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