Success story : चाचा से प्रेरणा लेकर बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, बनी A Grade अधिकारी
Success story : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में लड़कों के टॉपर और ऑल इंडिया 5वीं रैंक लाने वाले मयूर हजारीका और 6वीं रैंक लाने वाली गहना नव्या जेम्स को आईएस नहीं आईएफएसए सर्विस अलॉट हुई है।
यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में चयनित अभ्यर्थियों को सर्विस अलाट कर दी है।इस वर्ष सर्विस अलॉटमेंट की लिस्ट ने चौंकाया दिया है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में लड़कों के टॉपर और ऑल इंडिया 5 वी रैंक लाने वाले मयूर हजारीका और छठी रैंक लाने वाली गहना नव्या जेम्स को आईएस नहीं आईएफएसए सर्विस अलॉट हुई है।दरअसल इन दोनों ने ही भारतीय विदेश सेवा आईएफएसए को अपने फॉर्म में भरा था।दोनों ने आईएस नहीं आईएफएसए अफसर बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा दी थी।
आमतौर पर यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम के टॉपर रैंकर्स को आईएस अलॉट होता है।इन अभ्यर्थियों ने अपना प्रेफरेंस भी आईएएस ही भरा होता है।पिछले साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के टॉप 20 उम्मीदवारों ने आईएस ही चुना था।ऐसे में सबको आईएस अलॉट हुआ था।बहुत सी अभ्यार्थी यूपीएससी परीक्षा में पास हो जाते हैं लेकिन लिस्ट में रैंक नीचे होने के चलते उन्हें आईएस नहीं मिल पाता।
ऐसे में अपने ड्रीम जॉब आईएस को पाने के लिए फिर से कई बार परीक्षा में बैठते हैं।जब तक अटेंड बाकी रहते हैं प्रयास करते रहते हैं। इसके विपरीत मयूर हजारीका का फैसला काफी चौंकाने वाला है।ऐसे में राजदूत डिप्लोमेट्स के पदों पर हमेशा देश के बाहर ही सेवाएं देनी होती है।
असम में तेजपुर के रहने वाले मयूर हजारीका पेशे से डॉक्टर है।वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आश्रम से जुड़े रहे है।उन्होंने असम के गुवाहाटी में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है।
चाचा से प्रेरणा लेकर शुरू की यूपीएससी की तैयारी
वही नव्या व्यास जेम्स ने भी मयूर की तरह आईएफएस अफसर के फील्ड को चुना है। केरल में दक्षिणी जिले के आला की रहने वाली नव्या के पिता प्रोफेसर सी के जेम्स थॉमस कॉलेज से सेना निवृत्त है।नव्या जेम्स जापान में भारतीय राजदूत आईएफएस अधिकारी स्टीव जॉब्स की भतीजी भी हैं।अपने चाचा से प्रेरित होकर ही उन्होंने आईएस सर्विस को चुना था।