IAS Kushal Jain : अच्छी खासी कंपनी की नौकरी छोड़कर शुरू की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 40वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी

IAS Kushal Jain : अच्छी खासी कंपनी की नौकरी छोड़कर शुरू की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 40वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी

IAS Kushal Jain : यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना सबसे मुश्किल काम है। यूपीएससी के इस चक्रव्यूह को भेद पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। जिसके हौसले बुलंद हो, और जो सफलता हासिल करने का जूनून रखता हो वहीं इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकता है. इस परीक्षा में लाखों करोड़ों छात्र अपनी किस्मत को आजमाते हैं। इन सब के बीच अपनी जिंदगी और करियर को दांव में लगाकर जिसने बाजी मार ली वही अधिकारी बनकर अपना नाम रोशन करते हैं.

आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम कुशल जैन है. उनका इस परीक्षा पर जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट जैसी अच्छी खासी कंपनी को छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल की. आइए जानते हैं कैसे कुशल जैन ने किस रणनीति के तहत सफलता हासिल कर टॉप 50 कैंडीडेट्स में अपनी जगह बना ली.

कौन हैं (IAS Kushal Jain) आईएएस कुशल जैन

जबलपुर के रहने वाले कुशल जैन का जन्म एक शिक्षित परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम जय कुमार जैन और मां का नाम रश्मि जैन है. पिता सरकारी इंजीनियर हैं तो मां एक शिक्षिका के तौर पर कार्यरत हैं. कुशल की शुरुआती पढ़ाई जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल से पूरी हुई। जिसके बाद वो बंगलुरु चले गये और वहां से इंजीनियरिंग की डिग्री ली।

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उसके बाद उनकी नौकरी एक माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में अच्छे खासे पैकेज में लग गयी। डेढ़ साल नौकरी करने के बाद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की ठानी। जिसके लिए उन्होंने अपने घर वालों से बात की और अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी। हालांकि उनके माता पिता दोनों ही सरकार कर्मचारी थे, इसलिए उन्होंने अपने बेटे के फैसले में उसका साथ दिया।

जिलाधिकारी को तिरंगा फहराते हुए देखकर मिली प्रेरणा

कुशल की आँखों ने अधिकारी बनने का सपना बचपन में उस समय देखा जब, उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर डीएम को तिरंगा फहराते हुए देखा था। इस दृश्य ने कुशल को आगे बढने की प्रेरणा दी। कुशल के करियर में ट्विस्ट तब आया जब उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ी और नौकरी में आ गये। लेकिन बचपन का वो सपना कहीं खोया नहीं था, उन्होंने उस सपने को जिंदा तो रखा ही, साथ में पूरा भी किया। कुशल के माता-पिता दोनों ही सरकारी कर्मचारी थे, इसलिए उनका इस तरफ रुख सकारात्मक रहा और उन्होंने कुशल की जिंदगी के सबसे बड़े फैसले में उनका साथ दिया।

यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 40वीं रैंक

29 साल के कुशल जैन ने जबलपुर को गौरान्वित कर दिया। तीन बार की असफलता के बाद कुशल ने हार नहीं मानी और अपनी कोशिशों में जुटे रहे। साल 2018 में कुशल ने पल भर में अपनी डेढ़ साल की नौकरी को छोड़ दिया। और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गये। कुशल ने सेल्फ स्टडी कर देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी तैयारी करते रहे। और अपनी कुशलता से चौथी बार में सफलता हासिल की। और पूरे देश भर में 40वीं रैंक हासिल की।

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