IAS Dr. Anshu Priya : परिवार का सपना पूरा करने के लिए बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 16वीं रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी

IAS Dr. Anshu Priya : परिवार का सपना पूरा करने के लिए बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 16वीं रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी

IAS Dr. Anshu Priya : बिहार देश का एक ऐसा राज्य है, जहां से सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, और देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता भी हासिल करते हैं. हालांकि बिहार में प्रतिभाओं की कोई भी कमी नहीं है. बिहार जैसे राज्य के छोटे शहरों से निकलकर आने वाली प्रतिभाएं नेशनल लेवल पर अपने राज्य का नाम रोशन कर रही है.

आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं वो भी बिहार की रहने वाली हैं. इस आईएएस अधिकारी का नाम डॉ. अंशु प्रिया है. अंशु बचपन से ही लोगों की सेवा करना चाहती थी. यही वजह थी कि उन्होंने इस क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला किया. उन्होंने ना सिर्फ यूपीएससी परीक्षा पास करने का सपना देखा बल्कि अपने सपनों को पूरा भी किया. आइए जानते हैं अंशु प्रिया के सफर के बारे में

कौन हैं (IAS Dr. Anshu Priya) डॉ. अंशु प्रिया

मुंगेर जिले के पूरब सरांय में रहने वाली डॉक्टर अंशु प्रिया एक शैक्षणिक वातावरण से हैं. उनके पिता शैलेंद्र कुमार संदलपुर कन्या मध्य विद्यालय में प्रिंसिपल हैं. और दादा भी सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. अंशु की मां हाउस वाइफ हैं . शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉक्टर अंशु प्रिया ने मुंगेर के नोट्रेडम स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली. अंशु बचपन से ही अपने स्कूल में अव्वल आती थीं.

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साल 2013 में MBBS की परीक्षा पास करने के बाद साल 2018 में अंशु ने पटना के एम्स में अपनी MBBS की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली एम्स में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया. मेडिकल और यूपीएससी में जमीन और आसमान का फर्क है. क्योंकि दोनों में मेहनत भी काफी अलग तरह की होती है. अंशु ने भी मेडिकल को छोड़कर सिविल सेवा को चुना. उन्होंने जनता की सेवा करने की ठानी थी, जो वो एक डॉक्टर के तौर पर नहीं कर पा रही थीं.

2 बार असफलता मिलने पर भी नहीं मानी हार

डॉक्टर अंशु ने यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने का फैसला लिया था. फिर क्या उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. साल 2019 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी. इस परीक्षा में उन्हें असफलता हासिल हुई. उन्होंने एक साल के गैप के बाद फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. दोबारा वो फिर असफल रहीं. दो बार की असफलता के बार अंशु ने जमकर मेहनत शुरू कर दी और अपना सारा टाइम यूपीएससी सिलेबस के रिवजन में लगा दिया. जिसके बाद वो तीसरी बार में जाकर सफल हो पाईं.

16वीं रैंक हासिल कर बनीं आईएएस अधिकारी

डॉक्टर अंशु प्रिया ने दो बार की असफलता के बाद तीसरे प्रयास में पूरे देश में टॉप 20 में जगह बना ली. उन्होंने इस परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की. उनकी इस सफलता से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. बेटी की सफलता से पूरा परिवार गौरान्वित हो गया.

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जिस सपने को वो डॉक्टर बनकर पूरा नहीं कर पा रही थीं, अब वो उस सपने को एक कलेक्टर बनकर पूरा करेंगी. अपनी सफलता का जिक्र करते हुए अंशु कहती हैं कि इस परीक्षा ने उनके व्यक्तित्व के विकास में मदद की, इसलिए उन्होंने डॉक्टरी छोड़ इस करियर को चुना. कैंडिडेट्स भी उसी करियर को चुनें जिसमें आपका व्यक्तित्व निखर कर आये, और अपनी मेहनत से समाज के लिए कुछ कर पाएं.

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