IAS Deepak kumar : पहले डॉक्टर बनें फिर पास की upsc परीक्षा, पिता बोले मेरे सपनों को पूरा कर बेटे ने सिर ऊंचा कर दिया
IAS Deepak kumar : जिस दौर में लोगों को नौकरी मिलना या अपने किसी एक सपने को साकार करना मुश्किल हो ऐसे में पिता का सपना पूरा करने के लिए बच्चों ने पहले तो डाक्टरी की पढ़ाई पूरी की और डाक्टर बनें. फिर पिता के लिए यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बनकर दिखाया. तीन बेटों में से जिस एक बेटे ने यूपीएससी परीक्षा पास कर पिता का सपना पूरा किया उनका नाम दीपक कुमार है.
डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का दीपक का सफर आसान नहीं था. कई बार असफलता का सामना करते हुए यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने सफलता हासिल की. आइए जानते हैं पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने डॉक्टरी पूरी करने के बाद यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की.
कौन हैं (IAS Deepak kumar) आईएएस दीपक कुमार
दीपक कुमार राजस्थान में झुंझुनूं के बड़ागांव के एक सरपंच के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम सत्य कुमार है. पिता आर्मी से रिटायरमेंट लेने के बाद गांव के सरपंच हैं. परिवार में माता पिता के अलावा दीपक के 2 भाई और हैं. दीपक की शुरुआती पढ़ाई झुंझुनूं से ही हुई. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सीपीएमटी की तैयारी कर डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की. दीपक ने एक साक्षात्कार में बताया था कि पिता जब आर्मी में थे तो उनका सपना था कि बेटे डॉक्टर बनें. पिता के आदेशों पर चलने वाले दीपक ने डॉक्टरी की तैयारी की और पिता का सपना पूरा किया.
इसी दौरान पिता आर्मी से रिटायर हो चुके थे. बेटों की डॉक्टरी की डिग्रियां देखकर पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था. सत्य कुमार के पास पैसा तो आता ही था साथ ही उनकी गांव में अच्छी छवि भी थी. कुछ दिनों में सत्य कुमार गांव के सरपंच बन गए. सरपंच बनने के बाद उन्हें कई आरएएस अधिकारी और आईएएस अधिकारियों से मिलना होता था. कई बार उन्हें अधिकारियों से परेशानी होती है. इसलिए उन्होंने तीनों बेटों से अधिकारी बनने की इच्छा जाहिर की. पिता का सपना पूरा करने के लिए बेटों ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
2 बार मिली यूपीएससी परीक्षा में असफलता
यूपीएससी परीक्षा के लिए पहले तो सत्य कुमार के छोटे बेटे तैयार हुए. फिर दीपक भी तैयारी में लग गए. दीपक कुमार ने यूपीएससी की तैयारी के लिए रोजाना न्यूजपेपर से खुद को अपडेट रखते थे. इसके साथ ही उन्होंने परीक्षा के सिलेबस को अच्छे से समझकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
उन्होंने सबसे पहले तो एनसीआरटी की किताबों की पढ़ाई की. फिर सिलेक्टेड किताबों से खुद को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए तैयार कर पहली बार यूपीएससी परीक्षा में बैठ गए. हालांकि उन्हें इस बार सफलता नहीं मिली. दूसरी बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रयास करना नहीं छोड़ा.
565वीं रैंक हासिल कर पास की यूपीएससी परीक्षा
पिता के सपनों को पूरा करने के लिए दीपक ने दिन रात एक करके मेहनत और लगन से पढ़ाई करते जा रहे थे. साल 2020 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. उन्हें 694वीं रैंक हासिल हुई. दीपक फिलहाल एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहें हैं. उनके पिता गर्व से कहते हैं कि उनके बेटे ने दूसरी बार उनकी इच्छा पूरी की है. पहली बार उन्होंने डॉक्टरी की डिग्रियां हासिल की और फिर बाद में अधिकारी बनकर गांव में हमारा नाम रोशन किया