जानिए कैसा रहा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर

जानिए कैसा रहा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर

आरंभिक जीवन

सुषमा स्वराज का जन्म 14 जनवरी 1952 को अंबाला कैंट में हुआ था। उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा और माता का नाम लक्ष्मी देवी था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सदस्य थे। उनका परिवार पाकिस्तान से भारत बंटवारे के बाद आया था। सुषमा स्वराज ने अपनी पढ़ाई अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज से किया है। उन्होने कानून की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यलय से किया। सुषमा स्वाराज ने 1973 में  सुप्रीम कोर्ट ज्वाइन कर लिया और वहां उन्होंने प्रैक्टिस करने लगी।

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सुषमा स्वाराज मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से लोकसभा की सदस्या चुनी गयीं हैं। सुषमा विदेशी मामलों में संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षा भी हैं। उनका विवाह 1975 में स्वराज कौशल के साथ हुआ. कौशल जी छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे इसके अलावा वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं। स्वराज कौशल अभी तक सबसे कम आयु में राज्यपाल का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। सुषमा स्वराज और उनके पति की उपलब्धियों के ये रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज़ करते हुए उन्हें विशेष दम्पत्ति का स्थान दिया गया है.

सुषमा स्वाराज का राजनीतिक सफर

1970 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गईं। उनके पति स्वराज कौशल जॉर्ज फर्नांडिस के साथ जुड़े थे. 1975 में वे फर्नांडिस के लीगल डिफेंस टीम में शामिल हो गई थी। सुषमा ने जेपी आंदोलन में खुलकर भाग लिया था। आपातकाल के बाद वो भाजपा में शामिल हो गईं और कुछ समय के बाद हीं वो राष्ट्रीय स्तर की नेत्री बन गई। 1977 से 1982 तक हरियाणा के विधानसभा के सदस्य रहीं। 25 साल की उम्र में उन्होने ये उपलब्धि पाई थी। 1977 में वे मंत्री भी रहीं, 1979 में 27 साल की उम्र में वे हरियाणा की शिक्षा मंत्री की पद पर रही।

1998 में उन्होंने हरियाणा से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री बन गई। 1990 में राज्यसभा सदस्य चुनी गई और 1996 तक वह उस पद पर बनी रही। 1996 में वे 11वें लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अटल सरकार में वो कैबिनेट में आ गई।

2003-2004 में वे स्वास्थ्य मंत्री भी रही, लेकिन भाजपा चुनाव हार गई। दुबारा 2009 में मध्यप्रदेश के विदिशा से 15वें लोकसभा में जीत हासिल की और आडवाणी की जगह विपक्ष के नेता बनकर उभरी। 2014 के 16वें लोकसभा के चुनाव में भाजपा की भाड़ी जीत के बाद सुषमा स्वाराज विदेश मंत्री बन गई और अभी तक पद पर बनी हुई है।

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