Vipin Garg IAS : ऑटो चालक की ईमानदारी से प्रेरित होकर शुरू की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, बने IAS अधिकारी
Vipin Garg IAS : असफलता, सफलता के लिहाज से सबसे बड़ी प्रेरणा है। इस प्रेरणा का इस्तेमाल हर कोई अपने जीवन में नहीं कर पाता। असफल होने के बाद ज्यादातर लोग निराशा के भंवर में फंस जाते हैं। लेकिन जो नहीं फंसते, वहीं आगे चलकर कुछ बड़ा करके दिखाते हैं।
सफलता की कहानी में आज हम जिनकी बात करने जा रहे हैं उन्होंने भी अपनी जिंदगी में कई असफलताओं का सामना किया है। बावजूद इसके उन्होंने कभी हार नहीं मानी और बाद में उन्होंने कामयाबी की इमारत खड़ी कर दी। इस IAS अधिकारी का नाम विपिन गर्ग की।
कौन है (Vipin Garg IAS) विपिन गर्ग
विपिन गर्ग मूल रूप से राजस्थान के संवाई माधोपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं की परीक्षा आदर्श विद्या मंदिर से पास की है। जिसके बाद विपिन इंजीनियरिंग की कोचिंग करने के लिए कोटा आ गए, लेकिन उनका कोचिंग के एंट्रेंस एग्जाम में सिलेक्शन नहीं हुआ। फिर विपिन के पिता डॉक्टर एसएन गर्ग ने उनका 11वीं कक्षा में एडमिशन करवा दिया, लेकिन यहां पर उन्हें गणित विषय नहीं मिल पाया।
मजबूरन विपिन को जूलॉजी और बॉटनी के साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना पड़ा। इंटर की परीक्षा के दौरान विपिन मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम में बैठे और उन्होंने वह परीक्षा पास भी कर ली, लेकिन 17 साल की उम्र होने की वजह से उन्हें एडमिशन नहीं मिल पाया।
ऑटो चालक से मिली IAS अधिकारी बनने की प्रेरणा
विपिन की जिंदगी में मोड़ तब आया जब उन्हें एक ऑटो चालक की ईमानदारी ने इतना प्रभावित किया कि उन्हें लगने लगा कि ईमानदारी से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं होती। विपिन के मुताबिक एक दिन वो अपने घर से ट्यूशन पढ़ने ऑटो से जा रहे थे। रास्ते में कहीं पर उनकी जेब में रखा ₹100 का नोट ऑटो में ही गिर गया, जिसका पता उन्हें नहीं चल पाया। जब वो ऑटो से उतरे तो उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में जब ऑटो वाले को उन्होंने बताया कि उनके पैसे कहीं गिर गए हैं तो ऑटो वाले ने उससे किराया नहीं लिया और वहां चला गया। हालांकि कुछ वक्त बाद वो ऑटो वाला वापस आया और जो रुपए ऑटो में गिर गए थे उसे वापस करने लगा। इस ईमानदारी पर वो फिदा हो गए। इस घटना का उनकी जिंदगी पर बहुत बड़ा असर पड़ा।
एक छोटी सी घटना ने विपिन की जिंदगी बदल दी। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कड़ी मेहनत करते हुए 2009 में विपिन ने राजस्थान मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा विपिन एम्स की परीक्षा में 17वें नंबर पर जबकि ऑल इंडिया पीएमटी में 22वें नंबर पर रहे। इतना ही नहीं विपिन ने IIT का एग्जाम भी क्लियर किया और IIT दिल्ली में रहकर 2 महीने पढ़ाई भी की। हालांकि इस बीच विपिन अपनी बहन डॉ कल्पना अग्रवाल से इतना प्रभावित हो गए कि उन्होंने अपना रुख मेडिकल क्षेत्र की तरफ कर लिया और एम्स में एडमिशन लेकर MBBS की पढ़ाई शुरू कर दी। लेकिन मेडिकल की पढ़ाई पूरी करते-करते विपिन का मन एक बार फिर घुम गया और उन्होंने अपने करियर ऑप्शन के तौर पर अंतिम फैसला लेते हुए सिविल सेवा को चुन लिया। जिसके बाद विपिन UPSC की तैयारी में लग गए।
दो बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचकर हुए नाकाम
विपिन ने सिविल सेवा परीक्षा को लेकर खूब तैयारी की। अखबार से लेकर सिलेबस की किताबों तक उन्होंने अपने आपको इस परीक्षा की तैयारी में डूबा दिया। तैयारी के बाद बारी थी परीक्षा की। जब विपिन ने पहली बार UPSC की परीक्षा दी तो वो कामयाब नहीं हो सके। जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर कोशिश की, हालांकि दूसरी बार भी विपिन असफल रहे। दोनों बार विपिन इंटरव्यू राउंड तक पहुंच कर नाकामयाब हुए थे, ऐसे में थोड़ा तनाव जरूर आया। लेकिन उन्होंने अपनी कोशिशों में कभी कमी नहीं की। सकारात्मक ऊर्जा के साथ वो लगातार तैयारी करते रहे।
टॉपर बनकर उभरे विपिन गर्ग
लगातार मेहनत और मजबूत इरादों के दम पर विपिन में तीसरे अटेम्प्ट में सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक कर लिया। उन्होंने ना सिर्फ इस परीक्षा को पास किया, बल्कि टॉप 20 कैंडिडेट्स की लिस्ट में उनका नाम भी दर्ज कराया। विपिन ने 2019 में UPSC एग्जाम में ऑल इंडिया (Vipin Garg IAS) 20वीं रैंक हासिल की और इस तरह उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करते हुए IAS बनने का सपना पूरा किया।