Tanveer Ahmad Khan ies : पिता ने रिक्शा चलाकर बेटे को पढ़ाया, यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर किया टॉप

Tanveer Ahmad Khan ies : पिता ने रिक्शा चलाकर बेटे को पढ़ाया, यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर किया टॉप

Tanveer Ahmad Khan ies : मेहनत और लगन से किए गए किसी भी काम में आपको सफलता जरूर मिलती है. अगर आप किसी काम में असफल हुए है तो किस्मत को दोष देने की बजाए बारीक कमियों को ध्यान देना चाहिए. आज जिस सिविल सेवा में सफलता पाने वाले प्रतिभागी के बारे में आपको बताने जा रहे वो ऐसे युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जो किस्मत को दोषी मानकर अपने लक्ष्य से पहले ही हार मान लेते हैं. इस आईईएस अधिकारी का नाम तनवीर अहमद खान है.

यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले तनवीर अहमद ने ना सिर्फ मुश्किल हालातों में इस परीक्षा को पास किया बल्कि घाटी से इस परीक्षा को पास करने वाले वह पहले शख्स भी हैं. आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों का सामना करते हुए उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास कर यह बता दिया कि मेहनत अगर की जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. आइए जानते हैं तनवीर अहमद ने कैसे इस परीक्षा में सफलता हासिल कर युवाओं को एक नई प्रेरणा दिखाई है.

कौन हैं (Tanveer Ahmad Khan ies) तनवीर अहमद खान

जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले के निगीनपोरा कुंड गांव के रहने वाले तनवीर अहमद बहुत गरीब परिवार से हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके पिता गर्मियों में खेती किसानी का काम करते थे और सर्दियों के मौसम में पंजाब में जाकर रिक्शा चलाकर दो वक़्त की रोटी का इंतजाम करते थे. आर्थिक तंगी का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी प्राथमिक स्कूल कुंड से हासिल की और फिर बाद में वाल्तेंगू से हाई स्कूल परीक्षा पास की. इसके बाद उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई रजलू कुंड से पूरी की.

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साल 2016 में उन्होंने अनंतनाग के सरकारी कॉलेज से आर्ट्स की डिग्री हासिल की. बताते चलें की तनवीर अहमद शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया था और अर्थशास्त्र से MA की डिग्री हासिल की. MA की डिग्री हासिल करने के आखिरी वर्ष उन्होंने जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) को क्लियर किया. इसके बाद वह एमफिल (M.Phil.) की तैयारी में लग गए. इस दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा का ख्याल आया. इस उत्कृष्ट परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने एमफिल की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी.

लॉकडाउन के दौरान की यूपीएससी की तैयारी

तनवीर अहमद बताते हैं कि वह एक संयुक्त परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इसलिए उनकी सफलता में परिवार के सभी लोगों ने उनका साथ दिया. वह बताते हैं कि जब वह यूपीएससी की तैयारी करने का प्लान बना रहे थे. तब उनके पास पैसों की दिक्कत आ रही थी. इस दौरान उनके मामा ने यूपीएससी की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद कर उनका हौसला बढ़ाया. तनवीर अहमद बताते हैं कि उनके मामा ने ना सिर्फ आर्थिक तौर पर मदद की बल्कि भावनात्मक तौर पर भी परिवार की बहुत सहायता की है.

इसके अलावा परीक्षा की तैयारी को लेकर वह कहते हैं कि बिना मेहनत के सफलता हासिल नहीं हो सकती है. लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खुद को चार दीवारों के बीच में कैद कर लिया था और एकाग्र होकर एमफिल के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.

यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक पाकर बने आईईएस

साल 2021 में तनवीर अहमद की मेहनत रंग लाई. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर ना सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया बल्कि जम्मू कश्मीर के युवाओं का ध्यान इस और भी खींचा. तनवीर अहमद घाटी के उन गिने-चुने युवाओं में शामिल है जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की है. उन्हें आईईएस अधिकारी में दूसरा स्थान हासिल हुआ है. तनवीर के पिता अपने बेटे कि सफलता से काफी खुश हैं.

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वहीं तनवीर ने घाटी के युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि उन्हें लीक से हटकर सोचना चाहिए और अपने करियर को लेकर अलग-अलग वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी चाहिए. वह कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के युवा बहुत प्रतिभाशाली है हर क्षेत्र में वह बेहतर कर सकते हैं बस उन्हें नए रास्तों की तलाश करते रहना चाहिए।।

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