Shishir Gupta IAS : UPSC परीक्षा में लगातार असफलता मिलने पर टीचर का बेटा हुआ डिप्रेशन का शिकार, परिवार ने बढ़ाया हौसला तो बना IAS अधिकारी

Shishir Gupta IAS : UPSC परीक्षा में लगातार असफलता मिलने पर टीचर का बेटा हुआ डिप्रेशन का शिकार, परिवार ने बढ़ाया हौसला तो बना IAS अधिकारी

Shishir Gupta IAS : संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करना आसान नहीं है। इस परीक्षा में सफल होने का एक सीधा तरीका कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ही है। हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन चयनित कुछ ही लोग हो पाते हैं। आम तौर पर जो अभ्यर्थी असफल हो जाते हैं, वो निराशा के भंवर में फंस जाते हैं और यहीं निराशा उनको आगे नहीं बढ़ने देती है।

आज हम आपको IAS अफसर सुशील गुप्ता की कहानी बताने जा रहे हैं। एक वक्त में सुशील के मन में भी निराशा का एक ऐसा भाव पैदा हुआ था कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. निराशा का भाव उनपर ऐसा चढ़ा कि वो डिप्रेशन का शिकार हो गए थे. लेकिन उन्होंने कैसे अपने आपको संभाला और कैसे सफलता की सीढ़ी चढ़े हम आपको इस पोस्ट के जरिए बताने वाले हैं।

कौन है (Shishir Gupta IAS) शिशिर गुप्ता

शिशिर गुप्ता राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। शिशिर के पिता बस्सी के सरकारी सीनियर सेक्शन स्कूल में प्रधानाचार्य के पद आसीन रहे हैं, जबकि मां गृहिणी है। शिशिर की शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी जयपुर से ही हुई है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने 2013 में IIT बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के बाद शिशिर को अबू धाबी में एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई।

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वहां उनकी सैलरी लाखों में थी और तमाम तरह की सुविधाएं अलग से। हालांकि उनका मन फिर भी वहां नहीं लगा। शिशिर बताते हैं कि वो बचपन से ही IAS अधिकारी बनने की चाहत रखते थे। ऐसे में उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने का मन बना लिया। जिसके बाद उन्होंने उस नौकरी को छोड़ दिया और अपने वतन वापस लौट आए। यहां आकर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

असफलता के बीच अनहोनी का डर

शिशिर ने सबसे पहले सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस को समझा और उसी के अनुसार अपनी तैयारी को आगे बढ़ाया। हालांकि इस बीच वो काफी बीमार भी पड़ गए थे लेकिन उन्होंने अपनी को जैसे तैसे जारी रखा और 2016 में अपना पहला UPSC अटेंप्ट दिया। इसमें उन्होंने प्री एग्जाम तो निकाल लिया, लेकिन मेन्स में पास नहीं हो पाए। पहली असफलता के बाद उन्होंने 2017 में एक और प्रयास किया। इस बार शिशिर ने प्री और मेन्स दोनों परीक्षाओं को पास करते हुए इंटरव्यू राउंड में एंट्री मारी। लेकिन 6 नंबर कम होने की वजह से वो इस बार भी रह गए।

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लगातार दो सफलताओं ने शिशिर को काफी निराशा में डाल दिया था। शिशिर इतने डिप्रेशन में चले गए थे कि उनके परिवार को डर लगने लगा था कि कहीं उनका बेटा कोई अनहोनी ना कर बैठे। इन परिस्थितियों में परिजन उनकी गतिविधियों पर नजर भी रखने लगे थे। इस बीच परिवार वाले शिशिर को लगातार मोटिवेट भी कर रहे थे, ताकि परीक्षा में नाकामी का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ना पड़े।

परिवार के सपोर्ट और मोटिवेशन से मिली सफलता

परिवार के सपोर्ट और मोटिवेशन की वजह से शिशिर एक बार फिर अपनी पढ़ाई पर फोकस कर पाए। उन्होंने अपनी पुरानी कमियों को पहले दुरुस्त किया और पूरे मन से एक बार फिर परीक्षा की तैयारी की। जिसके बाद 2019 में शिशिर ने अपना तीसरा UPSC अटेम्प्ट दिया। इस बार उन्होंने ना सिर्फ परीक्षा को क्रैक किया बल्कि ऑल इंडिया (Shishir Gupta rank) 50वीं रैंक हासिल कर अपना लोहा मनवाया। उनकी इस सफलता के बाद ना सिर्फ उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उनके टीचर पिता को भी अपने बेटे की सफलता पर काफी गर्व है.

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