Shashwat Tripurari IAS : न्यूजपेपर पढ़कर पहले ही प्रयास में पास की यूपीएससी परीक्षा, 17वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
Shashwat Tripurari IAS : IAS कौन नहीं बनना चाहता? लेकिन हर कोई बन इसलिए नहीं पाता, क्योंकि UPSC की तैयारी आसान नहीं है. सही रणनीति के साथ चरणबद्ध तरीके से पढ़ाई करना बेहद जरूरी है. जिस अभ्यर्थी को ये पता चल गया कि कितनी और क्या तैयारी करनी है, उसके लिए ये सफर आसान है. आज हम आपसे एक ऐसे ही शख्स की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने इस कठिन सफर का हिस्सा रहते हुए सफलता हासिल की है.
इस आईएएस अधिकारी का नाम शाश्वत त्रिपुरारी है. जिन्होंने अखबार की मदद से यूपीएससी परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली. एक साक्षात्कार में उन्होंने युवाओं को बताया है कि न्यूजपेपर इस परीक्षा के लिए बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं शाश्वत त्रिपुरारी ने कैसे देश की सबसे कठिन परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में पास कर लिया
कौन हैं (Shashwat Tripurari IAS) शाश्वत त्रिपुरारी
शाश्वत मूल रूप से प्रयागराज के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम शरद चन्द्र मिश्र है. जोकि दूरदर्शन महानिदेशालय दिल्ली में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, मां पूनम मिश्रा यूपी भवन में मुख्य वित्त अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं. शाश्वत की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज में ही हुई. उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट अच्छे अंको के साथ पास किया. बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा होने के कारण उन्होंने बेसिक शिक्षा पूरी होने के बाद IIT से इंजीनियरिंग करने का विचार किया.
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मेहनती होने के कारण उन्होंने IIT Entrance पास कर लिया और IIT से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. शाश्वत बचपन से ही अपनी मां की तरह एक अधिकारी बनना चाहते थे. इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ सिविल सेवा की तैयारी भी शुरू कर दी. सिविल सेवा में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में वो अपनी मंजिल तक पहुंच गए। शाश्वत ने ऑल इंडिया 78वीं रैंक हासिल की। इसके बाद उन्होंने फिर से प्रयास किया और साल 2020 में 19 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गए
न्यूज पेपर रीडिंग पर टॉपर के टिप्स
एक इंटरव्यू में शाश्वत ने UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान अखबार पढ़ने को लेकर कई टिप्स दिए। शाश्वत कहते हैं कि अखबार की जगह कोई नहीं ले सकता। मसलन कोई पेपर की जगह मंथली मैगजींस पढ़ लेता है, तो कोई इंटरनेट पर दिनभर की खबरों का कंपाइलेशन देख लेता है। लेकिन अखबार का काम सिर्फ अखबार से ही होता है।
शाश्वत का कहना है कि आप अपनी तैयारी के दौरान कौन सा अखबार पढ़ना चाहते हैं? एक अखबार पढ़ना चाहते हैं या दो? ये सब पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। मुद्दा सिर्फ शुरू से लेकर आखिरी तक हर रोज अखबार पढ़ना है। शाश्वत के मुताबिक उन्होंने अपनी पूरी तैयारी के दौरान दो अखबारों को पढ़ा। इस दौरान वो अखबार से अपने काम की खबर निकालते थे।
डाउट को पहले क्लियर करें
शाश्वत कहते हैं कि UPSC के लिहाज से पेपर पढ़ना कठिन काम है। जब आप परीक्षा की तैयारी के लिए पेपर पढ़ते हैं तो जो समझ में नहीं आ रहा होता, उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस दरमियान सबसे अच्छा तरीका यहीं है कि आगे बढ़ने से पहले आप उस टर्म का मतलब अच्छे से समझें, ताकि आगे समस्या ना हो। इसी तरह जगहों और सीमाओं की बात हो तो नक्शा देखकर उसे समझें। कुल मिलाकर जहां पर जो भी डाउट हो, उसे वहीं पर क्लियर करें।
शाश्वत के मुताबिक परीक्षा की तैयारी के लिहाज से पेपर में हर पन्ने की हर खबर काम की नहीं होती। मसालेदार खबर को छोड़ देना चाहिए। रीजनल के हिस्से को तभी पढ़ना चाहिए जब आपके ऑप्शनल में इसकी जरूरत हो। इसी तरह स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट का पन्ना भी दिलचस्पी पर निर्भर करता है। अखबार में सबसे जरूरी एडिटोरियल पेज है। इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए। हालांकि परीक्षा के लिहाज से आपको हमेशा याद रखना है कि हमेशा एक संतुलित अपरोच लेकर अखबार पढ़ें।