Muskan jindal ias : मां का सपना था कि बेटी बनें IAS अधिकारी, महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर किया परिवार का नाम रोशन
Muskan jindal ias : UPSC की परीक्षा देश की चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। ये परीक्षा सिर्फ कठिन परिश्रम ही नहीं, बल्कि संयम और कुशल रणनीति का कौशल भी मांगती है। देश के लाखों युवा IAS बनने का सपना बचपन से ही संजोते हैं। ऐसी ही एक युवा मुस्कान जिंदल भी हैं। मुस्कान हमेशा से ही IAS बनने की चाहत रखती थी।
मुस्कान की सफलता की कहानी युवाओं को जरूर पढ़नी चाहिए. उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा को ना सिर्फ पहले ही प्रयास में पास किया बल्कि अच्छी खासी रैंक हासिल कर अपने सपनों को पूरा किया. उन्होंने अपने सपनों को पूरा कर अपने और परिवार का नाम रोशन किया है. आइए जानते हैं मुस्कान ने कैसे यूपीएससी परीक्षा में कैसे सफलता हासिल की.
कौन हैं (Muskan jindal ias) आईएएस मुस्कान जिंदल
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की रहने वाली मुस्कान सोलन जिले की रहने वाली हैं. एक मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली मुस्कान के पिता एक व्यवसायी हैं. वहीं उनकी मां परिवार की जिम्मेदारियां संभालती हैं. वो अपनी दो बहनें और एक भाई के साथ रहती हैं. मुस्कान की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सोलन के बिद्दी से हुई है। वहीं से उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। इसके बाद मुस्कान ने एसडी कॉलेज चंडीगढ़ से B.Com ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की है।
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- Aditya Srivastava: UPSC CSE 2023 AIR 1 – Journey from IIT to Civil Services Topper
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ग्रेजुएशन के आख़िरी साल से ही मुस्कान ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। मुस्कान बताती हैं कि उन्होंने ग्रेजुएशन लॉस्ट ईयर में 4-5 घंटे परीक्षा की तैयारी में लगाए थे। उधर ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद कम उम्र के चलते उन्हें एक और साल तैयारी का मिल गया। इस दौरान उन्होंने जमकर कड़ी मेहनत की।
हर रोज होती है मोटिवेशन की जरूरत
मुस्कान कहती हैं कि इस परीक्षा के लिए हर रोज खुद को मोटिवेट करना पड़ता है। पढ़ाई के वक्त ज़बरदस्ती करने से काम नहीं चलता। पढ़ाई के बीच में ब्रेक भी जरूरी है। मुस्कान के मुताबिक जब पढ़ने का मन बिल्कुल न करे, तब अपनी हॉबी को फॉलो करना चाहिए। इससे आपको न सिर्फ नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि आपका मन पढ़ाई में ज्यादा अच्छे से लगेगा।
अपनी तैयारी को लेकर मुस्कान ने बताया कि उन्होंने शुरू में प्री और मेन्स की तैयारी इंटीग्रेटेड तौर पर की लेकिन जब प्री में केवल दो महीने बचे तब उन्होंने पूरा ध्यान प्री एग्जाम पर लगाया। उन्होंने नियमित रूप से अखबार पढ़ने की हैबिट बनाई। इसके अलावा करेंट अफेयर्स के लिए उन्होंने ऑनलाइन उपलब्ध कंपाइलेशन पर भरोसा किया। आखिर में मुस्कान अपनी सफलता का क्रेडिट रिवीजन को देती है।
नहीं की किसी से तुलना, अपने लक्ष्य पर रहा ध्यान
साल 2019 में UPSC परीक्षा के अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करते हुए 87वीं रैंक लाने वाली मुस्कान बताती हैं कि तैयारी शुरू करते वक्त उन्होंने खुद की तुलना कभी किसी से नहीं की। उन्होंने हमेशा खुद पर भरोसा रखा और ये मानकर आगे बढ़ीं कि उन्हें पहली बार में ही इस परीक्षा को क्रैक करना है।
आखिरकार उन्होंने ऐसा करके भी दिखाया। उनकी इस सफलता से ना सिर्फ उनका परिवार खुश है बल्कि सोलन जिले के लोग भी इस बेटी की सफलता में खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं. मुस्कान के पिता बताते हैं कि बेटी बचपन से ही काफी मेहनती थी. छोटी सी उम्र में उसने जो सफलता हासिल की है उसने हमारे परिवार का नाम रोशन कर दिया है