Lavish ordia IAS : 3 साल तक नौकरी करने के बाद पिता का सपना पूरा करने के लिए की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 18वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी

Lavish ordia IAS : 3 साल तक नौकरी करने के बाद पिता का सपना पूरा करने के लिए की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 18वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी

Lavish ordia IAS : UPSC की परीक्षा भले ही सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक हो, लेकिन मेहनत और जज्बे के साथ इसे पास करना बेहद आसान है। अगर सही रणनीति और लगन के साथ आगे बढ़ा जाए तो निश्चित तौर पर सफलता मिलती है। जो अभ्यर्थी तैयारी के वक्त इन बातों को ध्यान में रखते हैं, उन्हें पहली बार में ही सफलता भी मिल जाती है। सफलता की कहानी में आज हम जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम लविश ऑर्डिया है. लविश ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने IIT से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी छोड़कर तैयारी शुरू की और देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की. आइए जानते हैं देश की सबसे कठिन परीक्षा के बारे में

कौन हैं (Lavish ordia IAS) लविश ऑर्डिया

लविश मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले हैं। लवीश के पिता का नाम मुकेश ओर्डिया है, जोकि एक व्यवसायी हैं। जबकि मां हेमा गृहिणी हैं। लविश की शुरुआती पढ़ाई लिखाई उदयपुर से ही हुई है। जिसके बाद JEE की परीक्षा की तैयारी करने के लिए वो कोटा आ गए और यहां रहकर उन्होंने इस एग्जाम को क्रैक किया। फिर उनका IIT बॉम्बे में एडमिशन हो गया और वहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

Lavish ordia IAS : 3 साल तक नौकरी करने के बाद पिता का सपना पूरा करने के लिए की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 18वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी 1

2015 में एजुकेशन के बाद लविश ने करीब 3 साल नौकरी की। पहले वो बेंगलूरु में नौकरी कर थे, बाद में वो US चले गए। नौकरी के दौरान ही लविश के मन में सिविल सेवा के प्रति कहीं से प्रेरणा आ गई, जिसके बाद वो अपने वतन लौट आए। यहां आकर लविश ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। तैयारी के वक्त उनके परिवार का साथ और भरोसा हमेशा उनके साथ ही रहा।

सीमित संसाधनों के साथ की परीक्षा की तैयारी

UPSC की तैयारी के लिए लविश ने दिल्ली का रूख किया। उन्होंने यहां एक कोचिंग ज्वाइन की और दिन रात कठिन परिश्रम किया। लविश बताते हैं कि समय कम होने की वजह से तैयारी के लिए उनके पास रिसोर्सेज सीमित थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने रणनीति बनाकर तैयारी की। अपने साथ मौजूद रिसोर्सेज के सहारे ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया। सिलेबस को पूरा करने के साथ ही उन्होंने पिछले साल की प्रश्न पत्रों पर भी गौर किया। उन्होंने ये जानने की कोशिश की, कि एग्जाम में कहां से ज्यादा सवाल आते हैं, जिसको लेकर उन्होंने गहन अध्ययन किया।

पहले अटेम्प्ट में ही मिली सफलता

एक साल की तैयारी के बाद वक्त था परीक्षा देने का। 2019 में लविश ने सिविल सेवा की परीक्षा दी थी और अपने पहले ही अटेम्प्ट में उन्होंने ये परीक्षा पास भी कर ली। UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल करते हुए उन्होंने अपना नाम टॉप-20 में दर्ज करवाया।

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लविश बताते हैं IAS बनने का सपना उन्होंने काफी पहले देखा था, लेकिन जीवन में उन्हें नौकरी का अनुभव भी चाहिए था। इसलिए उन्होंने पहले नौकरी की और फिर अपने सपने को साकार करने के लिए सिविल सेवा में आने का निर्णय लिया‌। लविश का मानना है कि UPSC परीक्षा के लिहाज से आंसर राइटिंग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ये मायने नहीं रखता कि आपने कितना पढ़ा है, बल्कि ये रखता है कि आप कितना लिख पा रहे हैं। पढ़ाई के बाद रिवीजन करते रहना भी बेहद अहम है।

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