ips pragya jain : प्रेगनेंसी के दौरान भी करती रही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, IPS अधिकारी बनकर किया नाम रोशन
ips pragya jain : सफलता हासिल करने का कोई आसान रास्ता नहीं होता है। सफलता सिर्फ कठिन परिश्रम एवं सकारात्मक सोच के दम पर हासिल की जाती है। कहते हैं, सपने वही पूरे होते हैं, जिन सपनों को पूरा करने के लिए आप सोना छोड़ देते हैं। किसी भी मंजिल तक पहुंचने के लिए इंसान को राह में आई मुश्किलों से डरना नहीं चाहिए. आगे बढ़ते रहना चाहिए मंजिल स्वयं पास आ जाती है। बिना रुके जो आगे बढ़ते जाते हैं, सफलता उनके कदम चूम लेती है।
आज हम आपको एक ऐसी आईपीएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने बिना रुके अपने संघर्ष को जारी रखा और सफलता को हासिल कर लिया। इस आईपीएस अधिकारी का नाम डॉ प्रज्ञा जैन है। आइए जानते हैं आईपीएस प्रज्ञा जैन ने कैसे यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर सफलता हासिल की.
कौन हैं (ips pragya jain) आईपीएस प्रज्ञा जैन
डॉ प्रज्ञा जैन उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की रहने वाली है। उनके पिता एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है, जबकि इनकी मां दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक है और एक होममेकर है। इनके माता-पिता दोनों काफी पढ़े लिखे हैं. जिसका फायदा प्रज्ञा को भी मिला। शुरूआत से ही प्रज्ञा एक पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छी थी। 10वीं और 12वीं परीक्षा में इन्होंने जिला स्तर पर पहला स्थान हासिल किया। बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दी. स्नातक पूरा करने पर इन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था ।
इसके बाद उन्होंने होम्योपैथिक डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की। और वो एक होम्योपैथिक डॉक्टर बन गई। चूंकि प्रज्ञा के पिता और भाई भी डॉक्टर थे, तो प्रज्ञा ने भी उनके साथ प्रैक्टिस शुरू के दी। इसी दौरान प्रज्ञा की शादी दिल्ली के रहने वाले विनीत जैन के साथ हो गई। इनके पति विनीत बैंक ऑफ बड़ौदा में चीफ मैनेजर हैं, जबकि उनके ससुर सुदर्शन जैन दिल्ली के शाहदरा में बैंक ऑफ इंडिया में employee थे।
शादी के बाद प्रज्ञा ने शाहदरा में ही एक क्लीनिक खोली और प्रैक्टिस शुरू कर दी। लेकिन ये अभी उस मंजिल पर नहीं पहुंची थी, जहां पर वह पहुंचना चाहती थी। प्रज्ञा पीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थी। शादी के बाद भी प्रज्ञा को एक ऐसा माहौल मिला था, जहां पढ़ाई के महत्व को समझा जाता था। इसलिए जब उन्होंने आईपीएस बनने का निर्णय लिया, तो उनके परिवार वालों ने उनका सपोर्ट किया। परिवार के सपोर्ट के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
यूपीएससी परीक्षा के 2 प्रयासों में मिली असफलता
प्रज्ञा जैन ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू तो कर दी थी लेकिन मंजिल इतनी आसान नहीं थी। उन्होंने दिन रात एक कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की. लेकिन उन्हें पहले दो प्रयास में सफलता इनके हाथ नहीं लगी। यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रज्ञा ने किसी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया था ।
वह क्लीनिक संभालने के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी किया करती थी। इसके लिए इन्हें काम और पढ़ाई के बीच में सामंजस्य बनाना पड़ता था। साल 2014 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन इसमें असफल रही। उसके बाद साल 2015 में जब इन्होंने दूसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया, तो इसमें मात्र 2 अंक से इनका चयन रुक गया।
194वें रैंक हासिल कर बनीं आईपीएस अधिकारी
दो बार की असफलता के बाद भी प्रज्ञा ने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास के लिए जी जान से जुट गई। प्रज्ञा का यूपीएससी परीक्षा में ये आखिरी अटेंप्ट भी था इसलिए किसी भी हालत में प्रज्ञा इस परीक्षा को पास करना चाहती थी। इस दौरान वो प्रेग्नेंट भी थी लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और प्रेगनेंसी के दौरान भी जी जान से परीक्षा की तैयारी में जुटी रही। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2016 में 194 वीं रैंक के साथ इन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.
परीक्षा पास करने के बाद भी प्रज्ञा का संघर्ष कम नहीं हुआ। परीक्षा के बाद जब इन्हें ट्रेनिंग पर जाना पड़ा तो इन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि इनकी एक 6 माह की बेटी भी थी और डिलीवरी होने की वजह से शरीर भी कमजोर था। ट्रेनिंग के दौरान इनके हाथों में फ्रैक्चर भी हो गया था। लेकिन इन तमाम मुश्किलों को पार करते हुए प्रज्ञा ने अपनी ट्रेनिंग पूरी की और आखिरकार वह आईपीएस ऑफिसर बनने में सफल हुई। इस समय प्रज्ञा पंजाब राज्य में तैनात है।
IPS प्रज्ञा की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। जिस हिम्मत और संघर्ष के साथ हर मुश्किलों को पार कर प्रज्ञा ने सफलता हासिल की, यह उन युवाओं के लिए एक मिसाल है जो राह में आई परेशानियों से तंग आकर अपने कदम पीछे कर लेते हैं, और मंजिल तक पहुंचने से वंचित रह जाते हैं।