IAS Topper Anisha Tomar : माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 2 बार असफलता हासिल करने के बाद बनी अधिकारी
IAS Topper Anisha Tomar : ‘मान लो तो हार है, ठान लो तो जीत है’, व्यक्ति के मानने और ठानने पर उसका भविष्य बहुत ज़्यादा निर्भर करता है. जब व्यक्ति को लगता है कि वो नहीं कर पाएगा तो चाहे उसने कितनी भी मेहनत की हो लेकिन उसका दिमाग नकारात्मकता की चपेट में आ जाता है और उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन यदि व्यक्ति यह सोच ले कि मैं ये कर सकता हूँ और ठान ले कि मैं ये करके रहूँगा तो उसका लक्ष्य उससे ज़्यादा दूर नहीं रह पाता क्योंकि एक बार ठान लेने के बाद हो सकता बहुत जल्दी सफ़लता न मिले लेकिन कभी न कभी मिलती ज़रूर है।
इसी तरह से मन पूरी तरह upsc क्रैक करने की ज़िद रखने वाली शख्सियत की कहानी आज हम लेकर आये हैं जिनका नाम है अनीशा तोमर है. उन्होंने upsc परीक्षा के 2 प्रयासों में असफलता का सामना किया. लेकिन धैर्य और कड़ी मेहनत की बदौलत तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली. अनीशा की कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान असफल होने पर निराश हो जाते हैं. आइए जानते हैं अनीशा ने कैसे देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक परीक्षा को पास कर लिया
कौन है (IAS Topper Anisha Tomar) अनीशा तोमर
अनीशा बागपत के उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं. इनके पिता सेना में अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से देशप्रेम की भावना उनके भीतर बचपन से ही थी. उनकी शुरुआती पढ़ाई बागपत से ही हुई. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई में उन्होंने अच्छे अंक हासिल किए.
स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने बीटेक करने का मन बनाया जिसके लिए ये पंजाब विश्वविद्यालय गयी। यहां से उन्होंने बीटेक में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. अनीशा शुरू से ही पढ़ाई के प्रति ईमानदार रही हैं इसलिए इन्हें तैयारी करने में कोई खास समस्या नहीं आई। अनीशा ने ग्रेजुएशन के दिनों में ही upsc की पढ़ाई शुरु कर दी थी.
यह सफ़र बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा
अनीशा बताती हैं कि यह परीक्षा मेरे लिए अन्य परीक्षाओं से बेहद अलग थी. इसकी तैयारी के दौरान जीवन में बड़े बदलाव का अनुभव हुआ. ये सफ़र बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा. ‘इसकी शुरुआत 2016 में उसी दिन हुई थी जब मैनें परीक्षा देने का फैसला कर लिया था। वह कहती हैं कि एक शांत समुद्र में नौका चलाकर आप कभी कुशल नाविक नहीं बन सकते। लहरों का सामना करने वाला ही कुशल नाविक कहलाता है।
लेकिन 2017 का मेरा पहला प्रयास सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में फेल होने पर ही खत्म हो गया था।’ अनीशा का कहना है कि अगर आप यूपीएससी में सफलता पाना चाहते हैं तो आपको लगातार धैर्य के साथ लंबे समय तक मेहनत करनी होगी। ऑपशनल सब्जेक्ट चुनने और निबंध लेखन पर इन्होंने विशेष रूप से ध्यान दिया और अभ्यार्थियों को भी इस मुद्दे पर सजग रहने की सलाह दी।
94वें रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी
अपने पहले प्रयास में इस तरह फेल होने के बावजूद अनीशा ने दोबारा से कड़ी मेहनत की और 2018 में दोबारा से परीक्षा देने का फैसला किया इस बार उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली और मेंस दिया लेकिन 6 अंकों से चूँक गयी, लेकिन कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, अनीशा ने उसी विश्वास के साथ फिरसे कड़ी मेहनत करने का मन बनाया.
वो कहती हैं कि इस बार उन्हें ये भी लग रहा था कि मैं यू पी एस सी क्लीयर कर लूंगी और एक तरफ़ बहुत ज़्यादा मानसिक तनाव भी महसूस हो रहा था इसी कारण उन्होंने प्री और मेंस के बाद कुछ कुछ दिन की छुट्टी पर जाना ठीक समझा और फिर वापस आकर अगले चरण की तैयारी शुरू की और 2019 में फाइनल रिसल्ट्स की लिस्ट में अपने आपको 94वें स्थान पर देखकर उन्हें महसूस हुआ कि सपना पूरा होने का एहसास कैसा होता है, अनीशा ने सेलेक्शन के बाद आई एफ एस सर्विस चुनी और उसी में कार्यरत हैं।