IAS Sumit Kumar : माता पिता का सपना पूरा करने के लिए 8 साल की उम्र में छोड़ा घर, संघर्ष करते हुए IAS अधिकारी बनकर हुए वापस

IAS Sumit Kumar : माता पिता का सपना पूरा करने के लिए 8 साल की उम्र में छोड़ा घर, संघर्ष करते हुए IAS अधिकारी बनकर हुए वापस

IAS Sumit Kumar : यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करना कोई आसान बात नहीं है। यह देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा है, और इस परीक्षा में जो छात्र सफलता हासिल करते हैं वह अन्य छात्रों के लिए आइडल बन जाते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अक्सर यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके छात्रों को फॉलो करते हैं।

ऐसे में जो लोग एक बार यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं वह अन्य लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं। आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं बिहार राज्य के आईएएस ऑफिसर सुमित कुमार की जिन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की।

कौन हैं (IAS Sumit Kumar) आईएएस सुमित कुमार

सुमित कुमार का जन्म बिहार राज्य के एक छोटे से गांव में हुआ था। जिस गांव में इनका जन्म हुआ था वह काफी पिछड़ा हुआ था यहां तक कि उस गांव में पढ़ाई-लिखाई को लेकर कोई जागरूकता नहीं थी। इनके माता-पिता को इनके भविष्य की चिंता थी अतः मात्र 8 साल की अवस्था में इन्हें बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। हालांकि इन्हें बोर्डिंग स्कूल भेजने के लिए इनके माता-पिता को काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन इनके माता पिता ने इनकी पढ़ाई पर कोई आंच नहीं आने दिया।

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इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बोर्डिंग स्कूल से पूरी करने के बाद इनका चयन इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी में हो गया। आईआईटी में स्नातक करने के दौरान ही इन्हें के मन में सिविल सर्विसेज में कैरियर बनाने का ख्याल आया। अतः इन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में मिली असफलता

साल 2016 में इन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करना कोई आसान काम तो है नहीं, इन्हें भी पहली बार इस परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा। यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार में मिली असफलता से इन्होंने अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया, बल्कि पहले अटेम्प्ट में की गई गलतियों को पहचाना और फिर से परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

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साल 2017 में दूसरे प्रयास में इन्हें यूपीएससी की परीक्षा में सफलता तो हासिल हुई लेकिन इन्हें 493वीं रैंक मिलने की वजह से वह पोस्ट नहीं मिली जो यह चाहते थे। अतः ये एक बार फिर परीक्षा की तैयारी में जुट गए। आखिरकार इनकी मेहनत रंग लाई और तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में मनचाहे पोस्ट के साथ सफलता हासिल की।

53वीं रैंक हासिल कर बने IAS अधिकारी

साल 2018 में सुमित कुमार ने ऑल इंडिया 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए सुमित की सलाह है कि प्रीलिम्स परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने के लिए छात्रों को चाहिए कि वह कम से कम किताबों से अध्ययन करें। इसके साथ ही इनका मानना है कि नियमित तौर पर रिवीजन करते रहना चाहिए और टेस्ट सीरीज के माध्यम से अपनी एबिलिटी चेक करती रहनी चाहिए। इससे परीक्षा की तैयारी में आसानी होती है।

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इनका मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए कठिन परिश्रम के साथ-साथ अपनी गलतियों को समझ कर उसे सुधारते रहने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही सुमित कुमार का यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह सलाह है कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए धैर्य की बहुत ही आवश्यकता होती है। परीक्षा में मिली असफलता से परेशान होने के बजाय उससे सबक लेकर प्रयास में जुटे रहना चाहिए। धैर्य के साथ कड़ी मेहनत और लगन से यदि परीक्षा की तैयारी की जाए तो सफलता अवश्य हासिल होगी।

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