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Dilip Singh Shekhawat IAS : बेटे को यूपीएससी परीक्षा में जब असफलता मिली तो मां की आंख में थे आंसू, IAS अधिकारी बनकर किया सपना पूरा - INDEPENDENT NEWS

Dilip Singh Shekhawat IAS : बेटे को यूपीएससी परीक्षा में जब असफलता मिली तो मां की आंख में थे आंसू, IAS अधिकारी बनकर किया सपना पूरा

Dilip Singh Shekhawat IAS : बेटे को यूपीएससी परीक्षा में जब असफलता मिली तो मां की आंख में थे आंसू, IAS अधिकारी बनकर किया सपना पूरा

Dilip Singh Shekhawat IAS : UPSC की परीक्षा किसी बड़े पहाड़ पर चढ़ने जैसी ही है। यह परीक्षा इतनी कठिन है कि कई लोग शुरुआत में ही अपने कदम पीछे खींच लेते हैं, लेकिन कहते हैं ना हौसले मजबूत हों तो मुश्किल हालात में भी आदमी सफलता हासिल कर ही लेता है। यह परीक्षा न सिर्फ आपके ज्ञान को भांपने की है, बल्कि आपकी क्षमताओं और फैसलों की परख के लिए भी है।

आज हम आपको इस पोस्ट में ऐसे ही एक शख्स की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिसने कठिन रास्तों पर चलकर अपने लिए रास्ता बनाया और सफलता हासिल की। इस आईएएस अधिकारी का नाम दिलीप प्रताप सिंह शेखावत है. उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत दूसरे प्रयास में अच्छी खासी रैंक हासिल कर यूपीएसससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना सपना पूरा किया. आइए जानते हैं दिलीप प्रताप सिंह शेखावत के बारे में

कौन हैं (Dilip Singh Shekhawat IAS) दिलीप प्रताप सिंह शेखावत

राजस्थान के रहने वाले दिलीप प्रताप सिंह शेखावत सामान्य परिवार से आते हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी राउरकेला से केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। दिलीप बताते हैं कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वो एक क्लब से जुड़े थे, जो सोशल सर्विस का काम करती थी। उस क्लब में रहते हुए उनके मन में समाजसेवा की भावना पैदा हुई। ऐसे ही धीरे-धीरे करके उन्हें उनका लक्ष्य मिल गया और उनके कदम सिविल सेवा परीक्षा की तरफ बढ़ गए।

Dilip Singh Shekhawat IAS : बेटे को यूपीएससी परीक्षा में जब असफलता मिली तो मां की आंख में थे आंसू, IAS अधिकारी बनकर किया सपना पूरा 1

दिलीप के मुताबिक उनके परिवार का सहयोग हमेशा ही उनके साथ रहा। हालांकि उनके परिवार में ना ही किसी के पास इससे पहले UPSC को लेकर कोई अनुभव था और ना ही कोई सिविल सेवा में ही कभी रहा था। हालांकि जब सपना देख ही लिया, लक्ष्य समझ आ गया तो उसके लिए कड़ी मेहनत के साथ शुरुआत भी कर दी। शुरू में इस परीक्षा को समझने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन वक्त के साथ सब कुछ आसान होता चला गया। फिर भी सफलता मिलने में लंबा वक्त लग गया।

असफलता ने तोड़ कर रख दिया

दिलीप ने UPSC की तैयारी यह सोचकर शुरू की थी कि उन्हें सफलता हासिल करनी ही है। उनके पास Plan-B नहीं था। पहली बार जब दिलीप ने सिविल सेवा परीक्षा दी तो काफी कम मार्जिन से वह प्री-एग्जाम नहीं निकाल पाए, लेकिन उन्होंने कोशिश जारी रखी।

Dilip Singh Shekhawat IAS : बेटे को यूपीएससी परीक्षा में जब असफलता मिली तो मां की आंख में थे आंसू, IAS अधिकारी बनकर किया सपना पूरा 2

दूसरे प्रयास में उन्होंने प्री एग्जाम क्वालीफाई कर लिया जिसके बाद उन्होंने मेंस का एग्जाम भी पास कर लिया। हालांकि इंटरव्यू राउंड में उन्हें असफलता हाथ लगी। दिलीप बताते हैं कि दो बार की कोशिशों और नाकामियों ने उन्हें तोड़ कर रख दिया था। परिवार की तरफ से भी निराशा का भाव था। इन परिस्थितियों के बीच वह सदमे में आ गए थे।

तीसरे प्रयास में हासिल की 72वीं रैंक

भले ही 2 प्रयासों में सफलता हाथ ना लगी हो लेकिन दिलीप ने कभी भी नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने कोशिश जारी रखी, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इस बार सालों की मेहनत और सकारात्मक सोच ने उन्हें सफलता की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया और तीसरे प्रयास के बाद कामयाबी उनके हाथ में थी।

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दिलीप प्रताप सिंह शेखावत के परिश्रम का ही नतीजा था कि सिविल सेवा परीक्षा 2018 में उन्होंने 72वीं रैंक हासिल की और टॉपर्स की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया। टॉपर दिलीप सफलता को लेकर कहते हैं कि UPSC में केवल पढ़ने से काम नहीं चलता। प्री से लेकर इंटरव्यू तक पढ़ाई के साथ-साथ पर्सनेलिटी का भी टेस्ट होता है। ऐसे में अन्य एक्टिविटीज़ पर भी ध्यान होना चाहिए।

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