एक वारदात जिसने यूपी-बिहार के सियासतदानों की नींद उड़ा दी थी…

एक वारदात जिसने यूपी-बिहार के सियासतदानों की नींद उड़ा दी थी…

पहले बिहार का मुजफ्फरनगर फिर यूपी के देवरिया का बालिका गृह, ये दोनों वारदातें देश के तमाम बालिका गृहों को कटघरें में खड़ा करते हैं…क्योंकि हकीकत तो ये है कि देश के बालिका गृह बच्चियों के आश्रय की बजाय उनकी आबरू लूटने के ठिकाने बनते जा रहे हैं…जहां शासन प्रशासन की नाक के नीचे दरिंदे बच्चियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं…और खाकी और सफेद पोशाक वालों की आंख में पट्टी बंधी रहती है..इसी से दरिंदों के हौसले बुलंद होते हैं…जो देवरिया बालिका गृह जैसी घिनौनी वारदातों के अंजाम तक पहुंचाते हैं…कुछ बालिका आश्रय गृह की हकीकत सामने आ जाती है…वहीं कुछ दबा दी जाती हैं… देवरिया के दरिंदों की कहानी कभी ना पता चल पाती..अगर वो बच्ची बालिका गृह से भागकर पुलिस के पास ना जाती…बालिका गृह के दरिदों की दरिंदगी की कहानी तब पता चली जब बच्ची ने पुलिस को अपनी और अन्य लड़कियों की आपबीती सुनाई….

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लड़कियों को बालिका गृह के बाहर ले जाती थी…और घिनौनी हरकत कर छोड़ जाती थी…इतना सब हो रहा था और प्रशासन बेखबर था…अगर प्रशासन को इस बालिका गृह में बच्चियों से हो रही बेहयाई पर शर्म ना आ रही हो तो डूब मरना चाहिए..क्योंकि शासन के सियासतदानों का कहना है का कहना है कि डीएम लापरवाही बरत रहे थे..अगर प्रशासन लापरवाह है तो उसकी जिम्मेदारी भी किसकी है…?

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वहीं योगी सरकार ने अपना पल्ला तो इस मामले में डीएम के निलंबन और अपराधियों की गिरफ्तारी कराकर झाड़ लिया है…इस मामले में अब तक 3 आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है… इसी के साथ इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को निशाना बनाना शुरू कर दिया है… सड़क से संसद तक हंगामा खड़ा हो गया है और विपक्षी पार्टियां इस आसरे सरकार को घेरने में लग गई हैं….

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नेता जी, इस मुद्दे को राजनीतिक भेंट चढ़ाने और अपना उल्लू सीधा करने से तो पहरेज कर ले…क्योंकि आपकी भी सरकार में महिलाओं के हालात जगजाहिर है…संसद में आप जनप्रतिनिधी के तौर पर है और सत्तासीन पार्टी भी है क्यों ना महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक कड़ा कानून बना दिया जाए…जिससे आगे मुजफ्फरनगर और देवरिया जैसे कांड ना हो सके…कभी राजनीति से उठकर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सोचें होते तो ना देवरिया कांड होता ना मुजफ्फरनगर कांड…आज मुजफ्फरनगर और देवरिया कांड के करीब एक साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में ना तो बिहार की मंत्री की गिरफ्तारी हुई हैं ना ही देवरिया कांड में कोई ठोस सजा  की सुनावाई.

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