corona Vaccine हलाल या हराम ? मुस्लिम संगठनों ने उठाए सवाल
corona Vaccine : कोरोना वैक्सीन की दवा आने में अभी कई महीनों का समय लग सकता है. लेकिन कुछ लोगों ने इस वैक्सीन पर बहस करना शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन को हलाल और हराम से जोड़कर देखा जा रहा है. कोरोना
इसके बाद मुस्लिम समुदाय के बीच अच्छी खासी बहस शुरू हो गई है. कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे हराम बताया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं के अनुसार कुरान में किसी इंसान की जान बचाने के लिए किसी बेकसूर की हत्या करना हराम है. यही वजह है कि कुछ लोग इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठा रहे है.
धर्मगुरुओं के ऐसे भ्रामक प्रचार से वैक्सीन (Vaccination Process in india) को सफलतापूर्वक इस्तेमाल करने में समस्या आ सकती है. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की पहली दवा लगाने के पहले से ही ऐसी भ्रामक अफवाह (Vaccination Process in india) उड़ाने से टीका के उद्देश्य को सफल बनाने के अभियान में समस्या आ सकती है.
मुस्लिम धर्मगुरुओं में मतभेद
मुस्लिम धर्मगुरुओं में वैक्सीन को लेकर असमंजस की स्थित बनी हुई हैं. कुछ धर्मगुरुओं का मानना है कि अगर Covid-19 Vaccine में अगर किसी भी तरह का सुअर का मांस मिला हुआ है तो इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. वहीं कुछ धर्मगरुओं का मानना है कि अल्लाह ने इंसानों की जान बचाने के लिए हराम की चीजो के इस्तेमाल की इजाजत दी है.
मेडिकल एक्सपर्ट्स ने खारिज किया दावा
स्वास्थ्य संबंधी मामलों के एक्सपर्टस कोरोना वैक्सीन में किसी भी तरह से सुअर का मांस मिले होने की खबर को पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं. मेडिकल एक्पर्टस के मुताबिक किसी भी वैक्सीन में अगर किसी जानवर का अंश मिलाया जाता है तो उसे वेक्टर वैक्सीन कहा जाता है. कोरोना वैक्सीन के मामले में ऐसा कुछ भी नही है और ये सिर्फ भ्रामक खबर है और कुछ नहीं.
इंडियन बायोटेक के साथ कोरोना वैक्सीन के रिसर्च मे काम करने वाले शोधकर्ता एवं सलाहकार डॉक्टर चन्द्रशेखर गिल्लूरकर का कहना है कि सुअर और कोरोना वैक्सीन का कोई संबंध नही है. देश में कोरोना वैक्सीन लगने में अब कुछ ही समय बचा है ऐसे में सभी देशवासियों को इस तरह की अफवाहों से बचना चाहिए. इसके साथ ही वैक्सीन को लेकर जागरुकता फैलाने का दायित्व हर भारतीय का होना चाहिए