Charulata Somal IAS : upsc परीक्षा में टॉपर बनकर पहले बनीं आईएएस अधिकारी, फिर अंटार्कटिका को फतह कर किया नाम रोशन
Charulata Somal IAS : कुछ करने की चाह हो तो मंजिल आपको मेहनत के आधार पर मिल ही जाती है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं. उन्होंने ना सिर्फ आईएएस अधिकारी बनकर अपने सपने को साकार किया बल्कि अंटार्कटिका के एक अभियान में 17 भारतीयों के साथ जाकर वो पहली ऐसी आईएएस अधिकारी बन गई जो अपनी सेवाओं के दौरान दक्षिणी ध्रुव तक गईं. चारुलता उन आईएएस अधिकारियों में से एक हैं जोकि पर्यावरण के लिए काम कर रही हैं.
चारुलता सोमल कर्नाटक कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. उनकी शुरूआती पढ़ाई मुंबई से हुई. चारुलता ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. एक साक्षात्कार में चारुलता ने बताया था कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने पहले तो कोचिंग की मदद ली फिर सेल्फ स्टडी पर फोकस करने लगी. अपनी सफलता को लेकर चारुलता युवाओं को सलाह देती हैं कि कुछ नहीं जानना भी ठीक है, इसलिए जब आपको किसी सवाल का उत्तर नहीं पता हो, तो बुरा नहीं लगना चाहिए बल्कि उसके लिए खूब मेहनत करनी चाहिए.
नौकरी के दौरान सीखी कन्नड़ भाषा
साल 2011 में जब चारुलता सोमल को आईएएस अधिकारी के तौर पर काम करने का मौका मिला तो उनकी पहली पोस्टिंग बेंगलुरु में मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई. जहां उनके साथ काम करने वाले सभी लोग कन्नड़ भाषा में बातचीत करते थे.
वहीं, चारुलता को हिंदी और अंग्रेजी भाषा की अच्छी खासी पकड़ थी. जिसके बाद उन्होंने कर्मचारियों के साथ काम करने के लिए कन्नड़ भाषा सीख ली. फिलहाल वो कोडागु में जिला पंचायत के सीईओ के रूप काम कर रही हैं.
30 देशों के अंटार्कटिक अभियान में जाने का मिला मौका
चारुलता सोमल जिस दौरान कोडागु में जिला पंचायत के सीईओ के पद पर वन विभाग में कार्यरत थी तो वो पेड़ पौधों से घिरी रहती थी. एक साक्षात्कार में अपने इस अनुभव के बारे में बात करते हुए वो कहती हैं कि प्रकृति के साथ काम करते हुए उनकी रुचि इस पर्यावरण में आ गई. जिसके बाद उन्होंने काफी दिनों तक उसी क्षेत्र में काम किया.
नौकरी के दौरान ही उन्हें दो बार अंटार्कटिका के एक अभियान पर जाने का मौका मिला. सोमल अंटार्कटिक अभियान पर जाने के लिए 30 देशों के 140 ट्रेकर्स में से एक थीं. उनकी टीम में सोमल के अलावा 17 अन्य भारतीय भी शामिल थे. बताते चलें कि सोमल पहली ऐसी आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें इस तरह के अभियान में जाने का मौका मिला है. उन्होंने 13 मार्च से लेकर 26 मार्च तक 13 दिनों तक इस अभियान में हिस्सा लिया.