Saurav Pandey ias : लगातार 5 बार upsc परीक्षा में असफलता हासिल करने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, 66वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
saurav pandey ias : किसी भी काम को मेहनत और लगन के साथ किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनकी सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो किसी ना किसी कारण असफल होने पर अपने लक्ष्य से निराश होकर भटक जाते हैं. इस आईएएस अधिकारी का नाम सौरभ पांडेय है.
जिन्हें यूपीएससी परीक्षा में एक या दो बार नहीं बल्कि 5 बार असफलता का सामना करना पड़ा. इसके बाद अपने आखिरी प्रयास में ना सिर्फ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि अच्छी रैंक लाकर टॉपर भी बनें. आइए जानते हैं सौरभ के संघर्ष के बारे में
कौन हैं (Saurav Pandey ias) आईएएस सौरभ पांडेय
सौरभ पांडेय बनारस के पास मिर्जापुर की विशालपुरी कॉलोनी के रहने वाले हैं. एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सौरभ के पिता का नाम कमलाकर पांडेय है. उनके पिता भारतीय जीवन बीमा निगम LIC (सोनभद्र) में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. वहीं मां एक गृहणी हैं. सौरभ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मिर्जापुर से ही पूरी की. एक साक्षात्कार में उनकी मां ने बताया था कि वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. अपने स्कूल में हमेशा अव्वल आते थे.
यहीं वजह थी कि उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए. बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद वो नौकरी करने लगे. नौकरी के कुछ सालों बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार किया. यहीं से उनके आईएएस अधिकारी बनने का सफर शुरू हो गया.
पांच प्रयासों में असफलता के बाद भी नहीं टूटा हौसला
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हुए उन्होंने साल 2014 में अपना पहला प्रयास किया. हालांकि उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली. दूसरे और तीसरे प्रयास में भी उन्हें यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिल सकी. परीक्षा की रणनीति सही ना होने और तैयारी पूरी ना होने के कारण शुरुआत के तीन प्रयासों में वो प्रीलिम्स की परीक्षा भी पास नहीं कर पाए. साल 2017 में उन्होंने चौथी बार प्रयास किया. इसबार उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स की परीक्षा तो पास कर ली लेकिन इंटर्व्यू राउंड में उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया.
इतने प्रयासों के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर से पांचवा प्रयास किया. लेकिन पांचवे प्रयास में भी वो इंटर्व्यू राउंड में फेल हो गए. सौरभ ने एक साक्षात्कार में बताया था कि पांचवे प्रयास में जब वो सिलेक्ट नहीं हुए उस दौरान वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी छोड़ना चाहते हैं. उन्हें लग रहा था कि सिविल सेवा उनके लिए नहीं है. हालांकि दोस्तों और परिवार के मोटिवेशन की बदौलत उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया.
66वीं रैंक हासिल कर बनें टॉपर
लगातार असफलता हासिल करने वाले सौरभ ने 6वें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में ना सिर्फ सफलता हासिल की. बल्कि देशभर में यूपीएससी में 66वीं रैंक हासिल कर टॉपर भी बन गए. टॉपर होने की वजह से उन्हें आईएएस अधिकारी बनकर सेवा करने का मौका मिला. सौरभ की सफलता से परिवार काफी खुश हुआ. अपनी सफलता के बारे में बताते हुए सौरभ कहते हैं हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए.
इसके साथ ही ऐसे लोगों का साथ जरूर करना चाहिए जो पॉजिटिव सोचते हों. मेहनत और लगन से अपनी तैयारी और कमियों पर फोकस करते रहें. सौरभ की सफलता ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा है जो एक या दो प्रयासों में असफलता हासिल करने पर कोशिश करना छोड़ देते हैं.