Vaibhav Rawat IAS : टीचर का बेटा बना IAS अधिकारी, अच्छी खासी नौकरी छोड़कर किया पिता का सपना पूरा
Vaibhav Rawat IAS : हर साल लाखों बच्चे UPSC परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन कामयाबी सिर्फ उन्हीं को मिलती है जिसके इरादे मजबूत होते हैं। आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्हें शुरुआती प्रयास में असफलता मिली. लेकिन अपने मजबूत इरादों की बदौलत उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा में ना सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि अच्छी खासी रैंक भी लेकर आए.
इस आईएएस अधिकारी का नाम वैभव रावत है. वैभव के पिता बचपन से वैभव को आईएएस अधिकारी तौर पर देखना चाहते थे. अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए राघव ने भी पूरी मेहनत के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल कर ली. आइए जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा में किस रणनीति के तहत उन्हें सफलता मिल गई.
IIT से लेकर IAS तक का सफर
राजस्थान के व्याबर के रहने वाले एक शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम नीलू रावत है. वहीं मां का नाम सुनीता है. वैभव के पिता टीटी कॉलेज में असिटेंट प्रोफेसर हैं वहीं मां एक सरकारी कॉलेज में पढ़ाती हैं. माता पिता की तरह बच्चे भी काफी मेहनती थे. वैभव के बड़े भाई नितिन इंजीनियर हैं.
उनकी शुरुआती पढ़ाई व्याबर से ही हुई. उन्होंने सेंट पॉल स्कूल से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए बनारस चलें गए. वैभव ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई IIT बनारस की है. वैभव पढ़ाई को लेकर शुरूआत से ही गम्भीर रहे हैं।
असफलता जीवन का एक हिस्सा है
वैभव ने बताया है कि उन्होंने एक साल सेमसंग कंपनी में नौकरी भी की है। साल 2019 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी, जिसमें में वो प्री, मेन्स एग्जाम पास करके इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया।
वैभव का मानना है कि असफलता जीवन का एक हिस्सा है और इससे घबराना या निराश नहीं होना चाहिए। कड़ी मेहनत के सहारे सफलता निश्चित रूप से मिलती है। इसी संकल्प के साथ वैभव ने भी 2020 में सफलता हासिल की। वैभव के मुताबिक IAS बनकर जन सेवा करना ही उनका मुख्य उद्देश्य रहा है।
पढ़ाई के बाद रिविजन सबसे ज्यादा जरूरी
UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए वैभव कहते हैं कि परीक्षा को समझना जरूरी है। नियमित रूप से पढ़ाई और रिविजन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। पढ़ाई के साथ-साथ ये पर्सनल्टी का टेस्ट भी है, तो खुद का आत्मविश्वास बढ़ाना आवश्यक है। गलती होना स्वाभाविक है, लेकिन उसमें रोजाना सुधार करने की आदत से तय लक्ष्य हासिल हो जाएगा।