upsc topper Aswathy S : कंस्ट्रक्शन मजदूरी कर पिता ने बेटी को पढ़ाया, बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास कर किया परिवार का नाम रोशन
upsc topper Aswathy S : कहते हैं कि मेहनत और लगन से काम करने वालों की सफलता गुलाम होती है. भले ही आपकी आर्थिक सामाजिक परिस्थिति कैसी भी हो. आज हम आपको एक ऐसे यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यार्थी के बारे में बताएंगे जिनके पिता मजदूरी करते थे. इस टॉपर का नाम अश्वथी एस (Aswathy S) है. पिता मजदूरी से जो कुछ भी कमाते थे वो परिवार के भरण पोषण के लिए ही पूरा नहीं हो पाता था. फिर बेटी के पढ़ाई के लिए खर्च बहुत कम ही निकल पाता था.
ऐसे मुश्किल हालातों और गरीबी का सामना करते हुए अश्वथी एस ने यूपीएससी परीक्षा की ना सिर्फ तैयारी की बल्कि पूरे देश में अच्छी खासी रैंक हासिल की. उनकी सफलता ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत हो सकती है जो गरीबी या फिर मुश्किल हालात में अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं. आइए जानते हैं अश्वथी एस ने यूपीएससी परीक्षा में कैसे सफलता हासिल की.
कौन हैं यूपीएससी टॉपर (upsc topper Aswathy S) अश्वथी एस
अश्वथी एस केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली अश्वथी के पिता कंस्ट्रक्शन मजदूर हैं. पिता को मजदूरी करते देखकर बेटी के अंदर मेहनत करने की ललक बचपन से ही थी. इसी वजह से वो बचपन से पढ़ाई में अन्य बच्चों की अपेक्षा काफी अच्छी थी. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई में अच्छे नंबर आने के साथ ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार कर लिया.
इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. जिस दौरान वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी तभी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी फिर शुरू कर दी थी. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है कि कि सिविल सेवा में काम करना उनका 15 साल पुराना सपना है. जो अब जाकर साकार हो सका है.
3 प्रयासों में मिली असफलता पर नहीं मानी हार
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान अश्वथी एस का सफर बिलकुल भी आसान नहीं था. आर्थिक तंगी की वजह से बुनियादी संसाधनों के आभाव का सामना करते हुए वो यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. इस बीच उन्हें कई बार असफलताओं का सामना भी करना पड़ा. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में उन्हें इसके सिलेबस की जानकारी नहीं थी. जिस कारण वो परीक्षा क्रैक नहीं कर पाई.
पहले प्रयास में वो प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं थीं. वहीं दूसरे और तीसरे प्रयास में सही रणनीति ना होने के कारण उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा. 3 प्रयासों में असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. और वो पूरी मेहनत और लगन से इस परीक्षा की तैयारी करती रहीं.
चौथे प्रयास में हासिल की 481वीं रैंक
कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने चौथे प्रयास में सफलता हासिल कर ली. साल 2021 के यूपीएससी परीक्षा परिणामों में उन्होंने 481वीं रैंक हासिल की है. सीमित संसाधनों के बीच यूपीएससी परीक्षा में उनकी सफलता देश के युवाओं के लिए एक नजीर हैं. उनकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है.
पिता ने साक्षात्कार में बताया कि बेटी का आईएएस अधिकारी बनने का सपना करीब 15 साल पुराना है. वो आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं. इसलिए हमने भी बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी . बेटी अच्छा पढ़ सके इसलिए कभी कभी ज्यादा काम किया करता था.